गोरखपुर। बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहे रामगढ़ताल में जल्द ही पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में बत्तख भी तैरते हुए दिखेंगे। पहले चरण में 400 बत्तख डाले जाएंगे। इसके बाद इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
पहले हजारों की संख्या में ताल में बत्तख छोड़ने की तैयारी थी, लेकिन क्रूज और बोटिंग के संचालन में दिक्कत आने की आशंका पर इनकी संख्या घटा दी गई। अब करीब 700 से 800 बत्तखें छोड़ी जाएंगी।
अमेरिकन प्रजाति की नारंगी चोंच वाली सफेद बत्तख, रामगढ़ताल की शोभा तो बढ़ाएंगी ही पर्यटकों को भी आकर्षित करेंगी। अप्रैल के अंत तक इन्हें ताल में छोड़ने की तैयारी है।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की पहल पर वाटर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का संचालन कर रही मुंबई की फर्म ई-सिटी बाइस्कोप इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड इन बत्तखों को ताल में पालेगी। कांप्लेक्स का संचालन देख रहे आशीष शाही के मुताबिक ये सभी बत्तखें अमेरिकन प्रजाति की हैं।
इन्हें लांग आइलैंड डक और आयल्सबरी डक के नाम से भी जाना जाता है। इनका वजन तीन से चार किलोग्राम होता है। नर बतख का वजन मादा से ज्यादा होता है। इनके के पैर, पंजे, और चोंच नारंगी रंग के होते हैं। इनकी उम्र आठ से 12 साल होती है। इनके अलावा कुछ अन्य प्रजातियों के बत्तखें भी लाई जाएंगी।