यहाँ जाने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या की पहली सुबह का हाल…

अयोध्‍या। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है।”

नव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजित बालकराम भगवान
बता दें, सोमवार की दोपहर 12:29 मिनट पर रामलला की श्यामवर्णी प्रतिमा भव्य नव्य मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित हुई। यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजन-अर्चन के दौरान भाव-विह्वल दिखे। स्वर्ण आभूषणों से सज्जित रामलला का यह विग्रह चित्त को आकर्षित करने वाला था। गर्भगृह में रामलला विराजमान का पूजन हुआ। रजत चल प्रतिमा की भी प्रतिष्ठा हुई। इस बीच श्यामवर्णी रामलला का नामकरण संस्कार हुआ। अब रामलला बालक राम के रूप में जाने जाएंगे।

दिवाली सी जगमग हुई रामनगरी
रामनगरी सोमवार को दिन ढलते ही दिवाली सी जगमग हुई। रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आतिशबाजी, घरों की साज-सज्जा सब कुछ दीपावली की भांति ही रहा। यह पहला अवसर है जब छह माह के भीतर ही लोगों ने दूसरी बार दीपावली मनाई है। हाल यह रहा कि आसमान आतिशबाजी की चमक से रात में भी रोशन रहा। राममंदिर परिसर में भी 21 हजार दीये प्रज्वलित किए गए। दीपोत्सव पर रामकी पैड़ी 21 लाख से अधिक दीयों की आभा से जगजग हुई थी।

राम मंदिर, सरयू के घाटों के साथ ही रामनगरी के मंदिरों को ढाई लाख से अधिक दीयों को जगमग किया गया। हनुमानगढ़ी, दशरथमहल, छोटी छावनी, सुग्रीव किला, नागेश्वरनाथ आदि मंदिरों को दीयों से प्रकाशित किया गया। लोगों ने घरों की सजावट भी दीपावली की भांति ही की। बिजली चलित झालरों, दीयों व मोमबत्तियों से घर व मंदिर प्रकाशित किये। रंगोली से भी घरों को सज्जित किया गया। नाका निवासी पावस श्रीवास्तव इसके लिए 10 डिब्बे हजारियां चटाई लेकर आए तो रिकाबगंज के राजीव शुक्ला ने भी पांच हजार रुपये से अधिक के पटाखे फोड़े। राजीव कहते हैं, यह अवसर पांच सदी बाद आया है तो इसे स्मरणीय बनाने के लिए आतिशबाजी भी जम कर की गई।

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