पढ़ाई के लिए भारतीय छात्र की पहली पसंद अमेरिका, आइये जाने क्यों…

विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारतीय छात्रों को अमेरिका बहुत ही ज़्यादा रास आ रहा है। एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि भारतीय छात्र अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना पसंद कर रहे हैं। ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका जाने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 268,923 हो गई। भारतीय छात्र आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं। इसकी वजह है कि वहां बेहतरीन पढ़ाई के साथ-साथ करियर की भी संभावनाएं ज़्यादा हैं। इस रिपोर्ट में कई और बातों की जानकारी दी गई है।

अमेरिका जाने वाले छात्रों की संख्या में हुई 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी
शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका जाने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 268,923 छात्रों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 63 प्रतिशत बढ़कर 165,936 हो गई। अगर आंकड़ों को देखा जाए पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 64,000 छात्रों की वृद्धि दर्ज हुई है। भारत 2009-10 के बाद पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय स्नातक छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बनने के लिए चीन से आगे निकल गया है।

अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी है
ओपन डोर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्नातक छात्रों में भी 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में पढ़ने वाले दस लाख से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से एक चौथाई से अधिक भारतीय छात्र हैं।

डोर्स के रिपोर्ट के अनुसार छात्र वीजा जारी करने का रिकॉर्ड बना दिया
ओपन डोर्स के रिपोर्ट के अनुसार, जून-अगस्त 2023 के प्रमुख छात्र वीजा सीजन के दौरान, भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने छात्र वीजा जारी करने का रिकॉर्ड बना दिया। भारत में, कांसुलर स्टाफ ने एफ, एम और जे श्रेणियों में 95,269 वीजा दिए. यह समान समय सीमा में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के साथ-साथ उनके परिवार भी उनकी उपलब्धि और सफलता के लिए सम्मान के पात्र हैं।

ओपन डोर्स रिपोर्ट क्या है
ओपन डोर्स रिपोर्ट अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र में विदेशी छात्रों और स्कॉलर्स के लिए किया जाने वाला एक सर्वेक्षण है जिसमें पूरी दुनिया से आने वाले छात्र-छात्राओं का डेटा जुटाया जाता है। साथ ही इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्र, उनकी डिग्री, उनका देश, उन्हें मिलने वाले वित्तीय सहायता और उनके शैक्षणिक स्तर के बारे जानकारी दी जाती है।

अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने छात्रों के परिवार को सराहा
भारतीयों छात्रों के अमेरिका में पढ़ने की लालसा को देखते हुए अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी गार्सेटी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा- “विदेश में अध्ययन करने का निर्णय और संयुक्त राज्य अमेरिका की आपकी पसंद, आपके और आपके परिवार द्वारा जताए गए भरोसे का प्रतिनिधित्व करती है। आप हमारे देशों को करीब ला रहे हैं और हमें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हम भारतीय शिक्षा प्रणाली की ताकत के बारे में जानते हैं। हम इसे सेलिब्रेट भी करते हैं हैं। भारत के छात्र ग्लोबल तौर पर प्रतिस्पर्धा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ये एक बेहतरीन नज़रिया है। इसी तरह भारत हमेशा आगे बढ़ता रहेगा। अमेरिकी दूतावास की प्रेस रिलीज के मुताबिक, गार्सेटी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि समान संख्या में महिलाएं संयुक्त राज्य अमेरिका में पढ़ाई करें और अधिक से अधिक अमेरिकी छात्रों को भारत की पेशकश का अनुभव लेने के लिए आएं।

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