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6 जनवरी निर्धारित करेगी आगामी रणनीति।
लहरपुर सीतापुर। तमाम राजनैतिक मान मनौवल और लोकतांत्रिक हथकंडे अपनाने के बावजूद भी ब्लॉक सकरन के किसान अपनी मांगे मनवाने में सक्षम नहीं हो सके। किसानों का आरोप है कि तहसील मुख्यालय तथा ब्लॉक प्रबंधन के भ्रष्टाचारी तंत्र में बैठे बहरे अफसरों ने उनकी मांगों की तरफ जरा भी रुख नहीं किया। दरअसल पूरा मामला ब्लॉक सकरन की ग्राम पंचायत अदवारी का है, जहां किसान पिछले कुछ महीनों से आवारा पशुओं के संरक्षण को लेकर संघर्षरत हैं। किसानों ने ग्राम पंचायत,ब्लॉक तथा तहसील समेत अन्य कई जगह धरना भी दिया परंतु समस्या जैसी की तैसी बनी रही। पंचायत में घूम रहे इन आवारा पशुओं की संख्या करीब 3 सैकड़ा से भी अधिक है। आए दिन ये आवारा पशु किसानों की फसलों को बर्बाद कर दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि आवारा पशुओं को खेतों में घुसने से रोकने के लिए उन्हें दिन-रात पहरा देना पड़ रहा है। आवारा पशुओं से निजात पाने व उनके संरक्षण को लेकर किसानों की तरफ से कई बार जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मनरेगा आयुक्त, डीसी मनरेगा, खण्ड विकास अधिकारी तथा ग्राम विकास अधिकारी को ज्ञापन व शिकायती पत्र भी सौंपा गया परंतु इनकी तरफ से मामले को लेकर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई। वहीं मामले को लेकर जब किसान ग्रुप के मुखिया व लोधी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कपिल लोधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ब्लॉक सकरन के भ्रष्ट अधिकारियों की हठधर्मिता किसानों को आंदोलित होने पर मजबूर कर रही है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन के अधिकारी किसानों की आवाज दबाना चाह रहे हैं। किसान कपिल लोधी, विनोद शुक्ला, प्रमोद,ब्रजेश, कन्हैयालाल, हरिहर सिंह आदि का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी अजीत यादव व ग्राम प्रधान नहीं चाहते कि क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या खत्म हो।