परिवार ने जिसकी हत्या का मामला दर्ज कराया, वो बेटा जिंदा आया

मेरठ। उत्तर प्रदेश के बागपत का रहने वाला एक 45 वर्षीय शख्स, जिसका पांच साल पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया था, अचानक वो सामने आ गया है। दरअसल, पुलिस ने रविवार को कहा कि कुछ साल पहले जो लापता हो गया था और पुलिस को मृत बताया गया था, वह दिल्ली में जीवित पाया गया।

पुलिस केस दर्ज होने के बाद से फरार
पुलिस के अनुसार, बागपत के सिंघावली अहीर के रहने वाले योगेन्द्र कुमार 2018 में एक झगड़े के बाद पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद से ही लापता थे। वहीं, अब उन्हें दिल्ली में अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ देखा गया है। वह दिल्ली में टैक्सी ड्राइवर का काम कर रहा है।

प्रकाश पर चला हत्या का मामला
सिंघावली अहीर के SHO, जितेंद्र सिंह ने कहा, “योगेन्द्र कुमार पर आईपीसी की धारा 325 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद से वह लापता हो गया है। योगेन्द्र के परिवार को प्रकाश पर उसकी हत्या करने का संदेह था और वह उसके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई चाहते थे।”

सबूत न मिलने पर हुई जमानत
पिछले साल अप्रैल में, अदालत के आदेश के बाद, प्रकाश और दो अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण) और 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, आठ महीने की जांच के बाद पुलिस को यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिल सके कि योगेन्द्र कुमार मर चुके हैं।

दिल्ली में दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ बसाया घर
रविवार को, बागपत पुलिस ने कहा कि जमानत हासिल करने के लिए अदालत में पहुंचने के बाद उन्होंने योगेन्द्र कुमार के दिल्ली में होने का पता लगाया। SHO ने कहा, “वह एक टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था और उसने अपनी पहचान बरकरार रखी थी। उसने किसी दूसरी महिला से शादी कर ली है और उसके चार बच्चे भी हैं।”

SHO सिंह ने कहा, “पूछताछ के दौरान, योगेन्द्र कुमार ने पुलिस को बताया कि उसकी प्रकाश के साथ दुश्मनी थी और उसने दिल्ली में एक महिला से शादी भी कर ली है। 2018 में, उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद, उसने घर छोड़ दिया और महिला के साथ रहना शुरू कर दिया था। वहीं, यूपी में उसके परिवार को लग रहा था कि पांच साल पहले योगेन्द्र का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी गई है।”

2018 के बाद परिवार से तोड़ दिया संपर्क
इस बीच, बागपत में योगेन्द्र कुमार की पत्नी रीता ने कहा, “2018 के बाद से वह न तो हमसे मिलने आए और न ही उन्होंने हममें से किसी से बात की। हम हमेशा चाहते थे कि पुलिस सच्चाई तक पहुंचे।”

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