बदायूं। जिला अस्पताल में बेहतर इलाज और सुविधाओं का दावा किया जाता है, लेकिन तस्वीर इसके विपरीत है। यहां तैनात वार्ड ब्वॉय अपनी जिम्मेदारी को सही से नहीं निभा रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीजों और घायलों को संबंधित कक्ष से लाने और ले जाने के लिए तीमारदारों को ही स्ट्रेचर खींचना पड़ता है। भी ऐसे कई मामले सामने आए।
कादरचौक क्षेत्र के गांव लोहाठेर निवासी असर शेख का एक माह पहले एक्सीडेंट हुआ था। उनके पैर में पड़ी रॉड निकाली जानी थी। उनके भाई, असर शेख को अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन स्ट्रेचर न मिलने के कारण उन्हें स्वयं ही उन्हें सहारा देकर ऑपरेशन रूम तक ले जाना पड़ा।
अलापुर थाना क्षेत्र के कस्बा ककराला निवासी शाकिर हुसैन को सांड़ ने उठाकर पटक दिया। परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां स्ट्रेचर न मिलने पर उन्हें भी सहारा देकर शाकिर को इमरजेंसी तक ले जाना पड कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शिवपुरम निवासी किशोर कुमार के पैर का ऑपरेशन हुआ था। शनिवार को परिजन जिला अस्पताल ले कर आए। पहले तो स्ट्रेचर की तलाश में घूमते रहे, इमरजेंसी में मिला भी तो कोई कर्म चारी नहीं था। ऐसे में परिवार के स्वयं ही उन्हें टांके कटवाने के लिए इमरजेंसी से ओटी तक ले गए। कस्बा दातागंज निवासी सोवरन ट्रैक्टर-ट्राॅली से गिरकर घायल हो गए। उनका एक्सरे और सीटी स्कैन होना था। वार्ड ब्वॉय न मिलने पर वे स्वयं ही उन्हें स्ट्रेचर से संबंधित कक्ष तक ले गए।
समय पूर्वाह्न 11:55 बजे : बिनावर थाना क्षेत्र के गांव नदौलिया निवासी असमीलन वार्ड में भर्ती थीं, उनका एक्सरे होना था। कर्मचारियों ने व्हीलचेयर तो दे दी लेकिन उनको एक्सरे रूम तक पहुंचाने को कोई कर्मचारी नहीं था। ऐसे में परिवार वालों को स्वयं ही असमीलन को कक्ष तक ले जाना पड़ा।
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प्रत्येक वार्ड और इमरजेंसी में वार्ड ब्वॉय की तैनाती है। यदि वार्ड ब्वॉय सही से कार्य नहीं कर रहे हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. कप्तान सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल