हलाल सर्टिफिकेशन की जांच STF को सौंपी गयी..

हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर के शुरू हुए बाद में अब हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर की जांच अब यूपीएसटीएफ़ करेगी. एसटीएफ अब इस मामले में आतंकी संगठनों को फंडिंग के साजिश की जांच भी करेगी. जांच करने के लिए जल्द ही एसटीएफ की टीमें चेन्नई , मुंबई और दिल्ली स्थित हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियां के कार्यालय पहुंचकर वहां जांच करेंगी.

जांच में कंपनियों के मैनेजमेंट और कर्मचारियों के बैंक खातों की भी पड़ताल होगी. जांच करने के दौरान एसटीएफ कंपनियों के लोगों की पड़ताल के साथ यह भी पता लगाएगी किस तरीके से देश में हजारों करोड रुपए का कारोबार हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए हो रहा है . क्या इसका कनेक्शन आतंकी संगठनों या देश विरोधी गतिविधियों से भी जुड़ा है या क्या इससे पैदा होने वाला पैसा देश विरोधी गतिविधियों में तो नहीं लगाया जा रहा है. एफआईआर के अनुसार जो कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन दे रहे हैं इनमें एक समुदाय विशेष के नाम पर कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है. ऐसे उत्पाद बाजार में खुले तौर पर मिल रहे हैं . एफआईआर में इसको जन आस्था के साथ खिलवाड़ बताया गया है . वही एक समुदाय विशेष को अपनी तरफ लुभाने के लिए फेक डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. 

उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने हलाल सर्टिफिकेशन के संबंध में आदेश जारी करते हुए लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस को इस प्रकरण से जुड़ी हुई एफआईआर और अन्य दस्तावेज एसटीएफ को देने का आदेश दिया है. उन्होंने अपने आदेश में इस प्रकरण की विवेचना के लिए तत्काल एक टीम भी बनाने का निर्देश दिया है. 

लखनऊ में हलाल उत्पादों को लेकर के 24 जगह पड़े छापे
हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े मुद्दे में अब एफएसडीए सक्रिय हो गई है. लखनऊ के गोमती नगर , हजरतगंज अलीगंज में तकरीबन दो दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी हुई. टीमों ने ये जानने की कोशिश की कि किसी उत्पाद में यह सर्टिफिकेट तो नहीं है . हालांकि फिलहाल जांच में टीम को किसी तरीके की कोई सफलता नहीं मिली है . सूत्रों की माने तो अभी छापे जारी रहेंगे. छापेमारी के दौरान टीमों ने दुकानदारों और स्टोर संचालकों को चेताया और कहा कि भविष्य में हलाल प्रमाणित उत्पाद बिक्री के लिए ना रखा जाए

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