संयुक्त जिला चिकित्सालय का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण।

स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा, चिकित्सकों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश।

मरीजो का लिया हाल-चाल, बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के दिए निर्देश।

गौरीगंज अमेठी। जिलाधिकारी निशा अनंत ने बृहस्पतिवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय गौरीगंज का औचक निरीक्षण कर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया एवं मरीजों का हाल-चाल जाना तथा चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रात: करीब 08:50 बजे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची डीएम ने सर्वप्रथम ओपीडी, पैथोलॉजी कक्ष, इमरजेंसी विंग, जनरल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, डायलिसिस कक्ष, ब्लड बैंक, केएमसी वार्ड, एसएसएनसीयू वार्ड सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी ली एवं संबंधित चिकित्सकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त डीएम ने मरीजों से आवश्यक दवाओं के साथ ही भोजन आदि मिलने की भी जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विगत दिनों करंट की चपेट में आने से जो बच्चे झुलस गए थे उनका भी हाल-चाल लिया एवं बेहतर इलाज करने के निर्देश सीएमएस को दिए। ब्लड बैंक के निरीक्षण के दौरान

जिलाधिकारी ने ब्लड बैंक के संचालन के संबंध में जानकारी ली जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीपी अग्रवाल ने बताया कि ब्लड बैंक के जल्द ही संचालित होने की संभावना है आगामी 6 फरवरी को लखनऊ से टीम निरीक्षण करने आएगी, डीएम ने कहा कि ब्लड बैंक संचालन में यदि किसी भी प्रकार की कमी आती है तो उन्हें अवगत कराया जाए जिससे जो भी छोटी-मोटी कमियां हैं उन्हें पूर्ण करते हुए ब्लड बैंक का संचालन प्रारंभ किया जा सके। केएमसी वार्ड के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वहां पर टेलीविजन व अन्य प्रचार सामग्री लगाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने गंभीर मरीजों के रेफर की स्थिति के बारे में

जानकारी ली जिस पर सीएमएस ने बताया कि गंभीर मरीजों को सुल्तानपुर, रायबरेली अथवा केजीएमसी लखनऊ रेफर किया जाता है। इसके अलावा डीएम ने अस्पताल में चिकित्सकों, स्टाफ, आवश्यक दवाओं, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी ली एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक निर्धारित समय पर अस्पताल आएं एवं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

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