बीकेटी लखनऊ बीकेटी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत धान के केन्द्रो में किसानों का धान न खरीदने से कर्मचारी कोई न कोई बहाना बनाकर किसानों को वहां से टरका देते हैं किसान मायूस होकर घर वापस चला जाता है और व्यापारी के हाथ औने पौने दामों में धान बेच देता है। ये केंद्र अपने लक्ष्य से कोसो दूर हैं इससे किसान अपना धान औने-पौने भाव से व्यापारियों के हाथ बेचने के लिए विवश हैं। इटौंजा क्षेत्र में सिंघामऊ पहाड़पुर दौलतपुर कुन्डापुर भीखमपुर धन क्रय केंद्र है इन केंद्रों में किसानों का धान क्रय करने में सचिव किसानों को अनेक बहाने बताते हैं और किसानों का धान छनवाते है और कहते हैं तुम्हारे धान में कूड़ा करकट अधिक है अतः इस धान को पहले साफ करो बाद में तौला जाएगा किसान इन झंझटों से बचने के लिए व्यापारियों के हाथ बेचने के लिए विवश हो जाता है और धान क्रय केंद्रों से अपना धान लेकर वापस चला जाता है ऐसे में धान के केंद्रो से क्या लाभ है जहां किसानों का धान सचिव द्वारा लेने में आनाकानी की जाती है।
किसानों ने बताया की सरकार किसानों का धान समर्थित मूल्य खरीदने पर प्रतिदिन घोषणा करती रहती है किंतु इन धान केंद्र के कर्मचारियों द्वारा किसानों का धन लेने में टाल मटोल करते हैं कुछ किसानों ने बताया की इन कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों का धान आसानी से खरीद लेते हैं। उसको खरीदने में किसी प्रकार की हीला हवाली नहीं करते हैं क्योंकि व्यापारियों से उनको कमीशन मिलता है।
धान क्रय केंद्र सिंघामऊ में 180 कुंतल ही धान खरीदा जा चुका है जबकि यहां पर 5000 कुंतल धान खरीदने का लक्ष्य है इसी प्रकार अन्य धान के केंद्र पर लक्ष्य को पाने के लिए अभी काफी पीछे हैं इन धान केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है जब इस संबंध में उपजिला अधिकारी बीकेटी से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि इन धान क्रय केंद्र के कर्मचारियो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी इतना ही नहीं केन्द्र अधिकारियों द्वारा इन धान के केंद्र की औचक निरीक्षण किया जाता है कि अधिकारी औपचारिकता मात्र निभाकर चलते बनते हैं।