भीषण गर्मी के साथ बढ़ी बिजली की मांग दो दिनों मे रिकार्ड स्तर पर 350 मेगावाट पहुंची

उन्नाव। गर्मी बढ़ते ही बिजली की मांग में अप्रत्याशित उछाल आया है। रविवार व सोमवार को बिजली की मांग 350 मेगावाट पर पहुंच गई। जो अब तक का रिकार्ड है। सामान्य दिनों में बिजली की मांग 300 मेगावाट के आसपास ही रहती है।

भीषण गर्मी में मांग बढ़ने से ट्रांसफार्मर से लेकर लाइन तक हीट होकर ब्रेकडाउन में चली गईं। इससे शहर, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में अंधाधुंध कटौती शुरू हो गई है। पिछले दो दिनों से गर्मी का कहर बढ़ गया है। अधिकतम तापमान 43 से 44 डिग्री के आसपास बना हुआ है। इस गर्मी से बचाव के लिए घरों, कार्यालयों, उद्योगों आदि में बिजली उपकरणों पंखा, कूलर, एसी आदि की प्रयोग शुरू हो गया है। इससे बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। बिजली विभाग के सूत्रों की माने तो सामान्य मौसम में बिजली की खपत 300 मेगावाट के आसपास ही रहती है।
इधर दो दिन में बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा हो गया। मांग 350 मेगावाट तक पहुंच गई। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय से मांग के सापेक्ष आपूर्ति मिल रही है लेकिन लोकल स्तर पर फाल्टों के कारण कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती खूब हो रही है। शहर भी इससे अछूता नहीं है। शहर को 24 घंटे के सापेक्ष 21 से 22 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। कस्बों को 22 के सापेक्ष 20 घंटे बिजली मिल पा रही है। वहीं, गांवों को 18 घंटे की जगह 15 से 16 घंटे ही आपूर्ति दी जा रही है। बिजली की कटौती से लोग काफी परेशान हैं।

ओवरहीट हुए ट्रांसफार्मर
सूरज से बरस रही आग लोगों के बदन को झुलसा रही है। वहीं, इससे ट्रांसफार्मरों के भी ओवरहीट होने की समस्या बढ़ गई है। बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, हर फीडर पर लोड बढ़ गया है। गर्मी में ट्रांसफार्मर के भीतर का कंसंट्रेटर अधिक फुंकता है, जिससे ट्रांसफार्मर फुंक जाता है। शहर और शुक्लागंज में सबसे अधिक 250 से 400 केवीए के ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इन दोनों जगहों पर बिजली का ओवरलोड है। गर्मी में हर फीडर पर 180 से 200 एम्पियर के बीच लोड होगा, जिससे ट्रांसफार्मर फुंकने की सबसे अधिक संभावना रहती है। रविवार को दही चौकी पावर हाउस में लगे 40 एमवीए के ट्रांसफार्मर की सीटी फुंक गई थी। जिससे आधे शहर के अलावा मौरावां, शुक्लागंज, अजगैन उपकेंद्र से जुड़े 18 फीडरों की बिजली डेढ़ घंटे बंद रही थी।

दो दिन में फुंके 17 ट्रांसफार्मर
भीषण गर्मी में दो दिन में 17 ट्रांसफार्मर फुंक गए। सभी ट्रांसफार्मर ओवरलोड थे। जिनको मरम्मत के लिए दही चौकी रिपेयर हाउस भेजा गया। इस समय रिपेयर हाउस में तेजी के साथ ट्रांसफार्मरों की मरम्मत का काम चल रहा है। करीब 100 ट्रांसफार्मर मरम्मत के बाद रिजर्व में रखे गए हैं।

इन क्षेत्रों में यह रही बिजली आपूर्ति
मौरावां क्षेत्र में आने वाले बिजली उपकेंद्र हिलौली से वर्तमान समय में पांच फीडरों को आपूर्ति होती है। रविवार रात नौ बजे से दो बजे तक पांच घंटे आपूर्ति ठप रही। लोग सो नहीं पाए। अवर अभियंता अजय कुमार दीक्षित ने बताया कि रात में दही चौकी से फाल्ट होने पर आपूर्ति बाधित रही। मरम्मत होने के बाद आपूर्ति बहाल हो गई थी। इमरजेंसी में कटौती मुख्यालय से हो जाती है। ओवरलोडिंग के कारण फाल्ट से आपूर्ति बाधित हो जाती है।

नवाबगंज के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती बढ़ गई है। पिछले दो दिनों से रात 12 से दो बजे तक रोजाना बिजली कटौती हो रही है। जिससे लोग परेशान हैं। वहीं दो दिन पूर्व नगर के श्यामालाल इंटर काॅलेज के पास 440 केवी के ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ गया था। इससे कई घंटे बिजली न आने से लोगों की रातों की नींद उड़ गई। सोहरामऊ, अजगैन सबस्टेशन से क्षेत्रों को मात्र 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है।

सफीपुर उपखंड से जुड़े परियर के जमालनगर, मरौंदा, सैदापुर, सुब्बाखेड़ा, नयाखेड़ा, परियर, देवीपुरवा, बंदनपुरवा, मानाबंगला आदि गांवों में लोगों को 24 घंटे में चार घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। लोकल फाल्टों के कारण पिछले दो दिनों में महज चार से छह घंटे ही बिजली मिली है।

हसनगंज सबस्टेशन क्षेत्र में मात्र 10 से 12 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। फाल्ट और मरम्मत के नाम पर घंटों बिजली गुल रहती है। एसडीओ सूर्य प्रकाश वर्मा निर्धारित घंटों में बिजली देने का दावा कर रहे हैं। बीघापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति के स्थान पर मात्र 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। नगर पंचायत बीघापुर में केवल 15 से 16 घंटे ही आपूर्ति हो रही है।

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