नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत दुनिया के विकास का इंजन बनकर उभरा है। वह दुनिया को नई दिशा दिखा रहा है। भारत ने दिखाया है कि वह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख आर्थिकी के रूप में अब दूसरे देशों के विकास पर ‘सकारात्मक प्रभाव’ डालने की स्थिति में पहुंच गया है।
सरकार यह काम अकेले नहीं कर सकती
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में एक अरब से अधिक भारतीयों की कड़ी मेहनत और क्षमता का परिणाम है। नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार विकास इंजन के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। सरकार यह काम अकेले नहीं कर सकती। इसके लिए हमें आर्थिक विशेषज्ञों और विचारकों के सहयोग की आवश्यकता है।
भारत की विकास गाथा को लेकर कही बात
उन्होंने कहा, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास इंजन है तो आप सभी आर्थिक विशेषज्ञ और विचारक उस विकास इंजन की मोटर हैं। आप सभी पर विशेष जिम्मेदारी है कि इंजन से लेकर अंतिम कोच तक सभी की जरूरतों को एकीकृत करके भारत की विकास गाथा का अगला अध्याय लिखने में सरकार की मदद करें।
2014 में भारत में केवल 74 हवाईअड्डे थे, आज दोगुनी है
उन्होंने कहा, भारत ने दिखाया है कि सभी नागरिकों को उचित अवसर देते हुए भी विकास दर में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के विशेष प्रयासों का भी जिक्र किया। कहा, 2014 तक, भारत में 91,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग थे। आज ये बढ़कर लगभग 1.5 लाख किलोमीटर हो गया है। 2014 में भारत में केवल 74 हवाईअड्डे थे, वहीं आज यह संख्या दोगुनी हो गई है। चाहे किसान हों, आदिवासी हों या रेहड़ी-पटरी वाले हों, या ‘विश्वकर्मा बंधु’ हों – सरकार ने इन लोगों के लिए योजनाएं लागू की हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। आगे कहा, हमने सैनिक स्कूल में लड़कियों का प्रवेश शुरू किया। थलसेना, वायुसेना और नौसेना की महिला अधिकारी भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं। वायुसेना में लड़ाकू विमानों में महिला पायलटों की नियुक्ति की जा रही है। अग्निवीर योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में हमारी लड़कियां सेनाओं में शामिल हो रही हैं।
मातृ मृत्यु दर में कमी आई है
मानव संसाधन विकास पर सरकार की प्राथमिकता के बारे में बताते हुए राजनाथ ने कहा, शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले एक दशक में जो काम किया है, वह अद्भुत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 400 से अधिक नए विश्वविद्यालयों, सात नए आईआईटी और सात नए आईआईएम की स्थापना, कौशल विकास के नए मंत्रालय को बनाकर कौशल पर ध्यान केंद्रित करना परिवर्तनकारी बदलाव को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा, भारत ने प्रतिबद्धता जताई है कि उसका विकास पर्यावरणीय नुकसान की कीमत पर नहीं होगा। हमने हरित विकास का रास्ता चुना है। हमने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किये। हमने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का गठन किया है। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहल की है।
सामाजिक सरोकारों में दक्षता पर ध्यान देने की जरूरत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीएसई में ‘सीएसआर जर्नल एक्सीलेंस अवार्ड्स 2023’ के 10वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनियों को अपने कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रमों में सामाजिक सरोकारों में दक्षता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने पद्मश्री रवींद्र और स्मिता कोल्हे, बालीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर, इरा दुबे, पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह, श्रीकांत शिंदे, अरुणाचलम मुरुगनाथम सहित अन्य को पुरस्कार किए।