आवासों के अधूरे होने वाले गांवों में 15वें वित्त सहित अन्य योजनाओं की भी जांच कराए जाने का निर्णय 

हरदोई। 50 से अधिक आवासों के अधूरे होने वाले गांवों में राज्य वित्त, 15वें वित्त सहित अन्य योजनाओं की भी जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया है। सीडीओ ने अधूरे आवासों पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने भरावन विकास खंड की ऐसी सात ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया है।

सीडीओ सौम्या गुरूरानी ने सोमवार को आवास योजना की समीक्षा में पाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिम्मेदारों की लापरवाही से जरूरतमंद बेघर परिवारों के लिए बनने वाले आवास समय से पूरे नहीं हो पा रहे हैं। विकास खंड भरावन में सबसे अधिक आवास अधूरे हैं। बताया गया कि भरावन के ढिकुन्नी में 50, पीपरगांव में 64, खरसौल में 51, कोयली में 59, परसा मोहद्दीनपुर में 93, अतरौली में 79 और कौड़िया में 264 आवास अधूरे हैं। जिससे लाभार्थियों को योजना का समय से लाभ नहीं मिल पा रहा है और योजना की प्रगति भी प्रभावित हो रही है।
बताया कि पंचायत सचिव अब्बास रजा, अनिल कुमार वर्मा, गौरव सिंह, जागेश्वर प्रसाद, लक्ष्मी नारायण, रामकुमार और स्वाती सिंह रुचि नहीं ले रही हैं। इन पंचायत सचिवों की ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त, 15वें वित्त आयोग, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की अधिकारियों से जांच कराई जाएगी। अन्य योजनाओं में भी लापरवाही की पुष्टि पर संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

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