सीतापुर- तहसीलदार उमाकांत त्रिपाठी की कार्यशैली से क्षुब्ध होकर बिसवा लायर्श एसोसिएशन ने एक सप्ताह न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया । लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राज किशोर यादव ने बताया कि तहसीलदार सरकार की वाद कारियों को त्वरित् न्याय दिये जाने की मंशा के खिलाफ दीवाल खड़ी कर रहे है। सरकार के द्वारा कहा गया है राजस्व न्यायालय न्याय को सुलभ बनाये और मुकदमो के बढ़ते बोझ को कम करें।
बिसवां लॉयर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य राज किशोर मिश्रा के प्रार्थना पत्र पर बुलाई गई इस मीटिंग में कई अधिवक्ताओं ने तहसीलदार बिसवां के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए। जिस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने सभी अधिवक्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष राज किशोर यादव ने बताया कि अभी तक होता आया था कि खतौनी में जब लेखपालों की या कंप्यूटर ऑपरेटर की लिपिकीय त्रुटि के कारण कोई गलती हो जाती थी तो उस गलती को सुधारने का प्रार्थना पत्र तहसीलदार को दिया जाता था और तहसीलदार रजिस्ट्रार कानूनगो से रिपोर्ट मांगने और उससे संतुष्ट होने के बाद खतौनी की त्रुटि को सही करने का आदेश उसी प्रार्थना पत्र पर पारित कर देते थे जिससे पीड़ित मुकदमे से बच जाता था वहीं न्यायालय भी अनावश्यक मुकदमो के बोझ से बच जाते थे। परन्तु वर्तमान तहसीलदार ऐसे मामलों को सीधे उपजिलाधिकारी के न्यायालय में भेज रहे है। जिससे एक नया मुकदमा तैयार हो जाता है। जिससे मात्र दो दिन में होने वाला सुधार छः माह के लिए लटक जाता है।
इसके अलावा कई सदस्यों ने तहसीलदार के ऊपर आदेश न पारित करने तथा अनावश्यक मुकदमों को लंबित रखने के भी आरोप लगाए।
तहसीलदार के मनमानी पूर्ण कार्य शैली से क्षुब्ध संघ अध्यक्ष ने तहसीलदार की इस न्यायिक प्रक्रिया का जोरदार विरोध करते हुए तहसीलदार के न्यायलय का एक सप्ताह तक हड़ताल का निर्णय लिया।