22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. इसके लिए अयोध्या में तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. नए मंदिर में रामलला की पहली आरती राजस्थान के जोधपुर से ले गए घी से होगी. इसके लिए राजस्थान से 650 किलो घी अयोध्या पहुंच गया है, खास बात ये है कि ये घी न ही ट्रेन से आया है और न ही बस या कार से आया है बल्कि यह रथ यानी की बैलगाड़ी से अयोध्या तक लाया गया है.
अयोध्या पहुंचने पर इस घी को कारसेवकपुरम लाया गया. जहां पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस घी को ले लिया है. विशेष बात ये है कि घी के साथ 108 छोटे शिवलिंग भी इन्हीं रथों से लाए गए हैं. कारसेवक पुरम में इस घी को श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित करने और साथ ही इस रथ को पहले पंचकोसी परिक्रमा कराई गई, उसके बाद चंपत राय ने इस घी को लिया.
बैलगाड़ी से अयोध्या लाया गया घी
राजस्थान से अयोध्या पहुंचने में इसे करीब दस दिनों का समय लगा है. तकरीबन 1200 किलोमीटर की दूरी बैलगाड़ी ने 10 दिन में तय की है. श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस घी को कारसेवक पुरम में स्वीकार करते हुए कहा कि जिन संत महापुरुषों के संकल्प से ये घी अयोध्या पहुंचा है हम उनको विशेष रुप से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं और साथ ही जोधपुर की धरती को प्रणाम करते हैं.
गाय के घी से होगी रामलला की आरती
चंपत राय ने कहा कि 3 महीने पहले जोधपुर के एक संत अयोध्या आए थे. उन्होंने कहा कि वह अपने आश्रम में पाली हुई गायों का घी हमें देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गाय में सभी देवताओं का निवास स्थान है, गया अर्थात चलता फिरता मंदिर और गाय के घी से ही रामलला की पहली आरती होगी. उन्होंने जोधपुर के लोगों को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि इसके पहले भी जोधपुर के लोगों ने राम मंदिर निर्माण में अपना विशेष योगदान दिया है. सभी को धन्यवाद देते हैं.