नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट करार दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का इस फैसले से पार्टी के कुछ नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है।
कांग्रेस ने बनाई समारोह से दूरी
उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,”भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”
भाजपा ने दिया कड़ा जवाब
कांग्रेस ने निमंत्रण ठुकराते हुए कहा कि यह आयोजना भाजपा चुनावी लाभ के लिए कर रही है। वहीं, कांग्रेस के इस फैसले पर भाजपा ने कहा कि विपक्षी दल का दिमाग ठीक उसी तरह खराब हो गया है जैसा कि त्रेता युग में रावण का हो गया था। भाजपा ने आगे कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों का जनता चुनाव में बहिष्कार करेगी।
निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : आचार्य प्रमोद
वहीं, कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा,” राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।”
चुनावी लाभ उठाने के लिए मंदिर का उद्घाटन: कांग्रेस
बुधवार को कांग्रेस महासचिव ने एक पत्र जाहिर करते हुए कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजन बना दिया है। जयराम रमेश ने आगे कहा कि एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।