निराश्रित गौ वंशों को गौशालाओं में पहुंचाने कार्य करें सम्बंधित अधिकारी, मंत्री धर्मपाल सिंह।

अमेठी। मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास राजनैतिक पेंशन अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा विभाग उत्तर प्रदेश धर्मपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को आयुध गेस्ट हाउस एचएएल में विभागीय अधिकारियों के साथ गोवंश संरक्षण, संवर्धन एवं मूलभूत सुविधाओं को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ जेपी सिंह ने अवगत कराया कि जनपद अमेठी में मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षण योजना अंतर्गत कुल लक्ष्य 12475 रखा गया है जिसके सापेक्ष 20086 निराश्रित गोवंश को सुरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में 02 पंजीकृत गौशाला, 03 बृहद गो संरक्षण केंद्र, 104 अस्थाई गो आश्रय स्थल, 03 नगरीय निकाय कान्हा उपवन एवं जिला पंचायत के अधीन 04 कांजी हाउस कुल 116 को आश्रय स्थल संचालित हैं। शासन द्वारा विशेष अभियान के अंतर्गत 20 फरवरी 2024 से जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों में विस्तारीकरण कर निरंतर निराश्रित गोवंशो को संरक्षित किया जा रहा है। जनपद में 3 बृहद गो संरक्षण केंद्र नेवादा विकासखंड मुसाफिरखाना, सरैया दुबान विकासखंड अमेठी, सिंहपुर विकासखंड सिंहपुर में संचालित है जिनमें कुल 1530 गोवंशों को संरक्षित कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 04 बृहद गो संरक्षण केंद्रों टीकर माफी, दक्खिनगांव, कोरारी लक्षनशाह तथा खारा में निर्माण कार्य चल रहा है जिसे 31 मार्च 2024 तक पूर्ण कर गोवंश संरक्षण कराया जाएगा। स्वीकृत 01 बृहद गो संरक्षण केंद्र जैदिलमऊ विकासखंड शुकुल बाजार हेतु कार्यदायी संस्था द्वारा डीपीआर तैयार कर टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है, जिसका कार्य मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालन घटक के अंतर्गत योजना के प्रारंभ से वर्ष 2023-24 तक कुल लक्ष्य 16141 के सापेक्ष 26455 प्रार्थना पत्र प्रेषित किए गए जिसके सापेक्ष बैंकों द्वारा योजना के प्रारंभ से वर्ष 2023-24 तक 6686 क्रेडिट कार्ड निर्गत किए गए।

जनपद में गोचर/चारागाह की 986.8614 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया जिसमें निरंतर हरा चारा उत्पादन कर गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश को खिलाया जा रहा है जनपद में एसएफसी पूलिंग के माध्यम से वर्तमान समय तक कुल 45788184.00 रुपए प्राप्त हुआ जिसे आश्रय स्थलों में संरक्षित किए गए गोवंशों को 1 किलो पशु आहार खिलाया जा रहा है। गोवंशों को ठंड से बचने की पर्याप्त व्यवस्था है, बांझपन की समस्या को दूर करने हेतु कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जा रहा है, संरक्षित किए गए गोवंशों में मुख्यमंत्री सहभागिता योजना एवं पोषण मिशन योजना के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य 2575 के सापेक्ष वर्तमान समय तक 2964 गोवंशों को सुपुर्दगि की गई है। जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किए गए बेसहारा गोवंशों के भरण पोषण हेतु माह जनवरी 2024 में रुपए 21985200.00 डीवीटी के माध्यम से प्रेषित करने की कार्यवाही की गई एवं मुख्यमंत्री सहभागिता योजना एवं पोषण मिशन योजना के अंतर्गत सुपुर्दगी में दिए गए गोवंशों के लाभार्थियों को माह अक्टूबर 2023 तक रुपए 2244000.00 डीबीटी के माध्यम से प्रेषित करने की कार्यवाही की गई। बैठक के दौरान के दौरान मंत्री ने समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों को आश्रय स्थल तक पहुंचने का काम जाए। निराश्रित गोवंशों के भरण पोषण में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इसके लिए शासन द्वारा प्रति पशु 30रू से बढाकर ₹50 कर दिया गया है। बड़ी गौशालाओं को बनाने के लिए 1 करोड़ 70 लाख रुपए देने का कार्य किया गया है जिसके अंतर्गत जनपद में पांच वृहद गोशालाओं का निर्माण कराया जाएगा। किसान की आय दोगुनी हो यह प्रधानमंत्री जी की मंशा है उसे पूर्ण करने के लिए किसान की आय दोगुनी करने के लिए खेती के साथ ही पशुपालन से भी हो। उन्होंने कहा कि पशुपालन में विभिन्न योजनाएं संचालित हैं जो पशुपालकों के लिए लाभदायक हैं जिनमें मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूअर पालन, भेड़ पालन इत्यादि हैं। इन योजनाओं में 50% का अनुदान दिया जाता है साथ ही गायों के संरक्षण के लिए बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि नस्ल सुधार पर विशेष कार्य किया जा रहे हैं। पशुपालकों को फ्री दवा उपलब्ध कराई जा रही है। कोई पशुपालक 02 गाय हरियाणा, पंजाब, गुजरात से लाता है तो एक गाय पर ₹40000 तक अनुदान दिया जाएगा दो गायों पर 80000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। बैठक के उपरांत मंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता की।

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