नैमिषारण्य धाम में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी…

सीतापुर। नैमिषारण्य स्कंद आश्रम भवन आयोजित जगन्माता राजरजेश्वरी की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा व चितशक्ति द्वार के उद्घाटन महोत्सव में पहुंचे सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। मुख्यमंत्री ने चितशक्ति द्वार (प्रमुख द्वार) का उद्घाटन किया। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए मंच पर पहुंचे। बताते चले मुख्यमंत्री के मंच पर पहुंचते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने जयकारा लगाकर स्वागत किया। मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह का भी स्वागत किया गया। वहीं मुख्यमंत्री योगी व मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह को आश्रम का साहित्य भेंट किया। कार्यक्रम में मंच पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
वही नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म के बिना जीवन शून्य है। उत्तर प्रदेश की भूमि धर्म भूमि है। तोमर ने कहा अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, काशी विश्वनाथ मंदिर, गोरक्ष पीठ हो सभी इसका प्रमाण है। जब लोकतंत्र में धर्म का प्रभाव होता है तो लोकतंत्र धर्म परायण हो जाता है। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य वैसे भी विश्व विख्यात है। इसमें मां जगदंबा राजराजेश्वरी का जुड़ना होना और भी अच्छा है।

तोमर ने आगे कहा भगवान संतों को अपने अंशावतार के रूप में भेजते हैं। राजा जनक से लेकर अनेक राज योगी हुए हैं। मुस्लिमों ने जितने मंदिर तोड़े थे अहिल्याबाई ने बनवाए। काशी का विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया।शिव शक्ति द्वारा 60 प्रतिशत कार्य हो गया है। 40 प्रतिशत बाकी है। उसके पूरा होने पर भी मुख्यमंत्री योगी आएं ऐसी विनती है। नैमिषारण्य 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली व मां का शक्ति पीठ है।

वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा नैमिषारण्य धाम में श्री श्री श्री जगदम्बा राजराजेश्वरी मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में सूबे के सीएम ने कहा नैमिष तीर्थ के महत्व को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। भगवान वेद व्यास के सानिध्य में हजारों ऋषियों ने नैमिषारण्य में साधना की थी। सनातन धर्म इस सृष्टि का धर्म है।मानवता का धर्म है। जब तक सनातन धर्म है, विश्व-मानवता के कल्याण का मार्ग व​ह प्रशस्त करता रहेगा। उन्होंने कहा मैं धार्मिक इसलिए हूं क्योंकि मुझे देश के लिए कार्य करना है।

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