केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता अधिनियम को लागू करने का दावा किया है। नागरिकता संशोधन क़ानून यानी CAA देश में ज़रूर लागू होगा और इसके लिए राज्यसभा की विधायी समिति ने नियम बनाने के लिए 30 मार्च 2024 की तारीख तय कर दी है। ये बात केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कही है।अजय मिश्रा टपश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले की एक एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
नागरिकता संशोधन बिल दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। यह बिल 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पारित हुआ। राज्यसभा में यह 11 दिसंबर, 2019 को पारित हुआ। 12 दिसंबर को यह एक कानून बन गया। 10 जनवरी 2020 को यह अधिनियम लागू हुआ। इस अधिनियम के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जानी है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि नागरिकता अधिनियम निश्चित रूप से आगामी महीनों में लागू किया जाएगा, राज्यसभा की विधायी समिति ने 30 मार्च 2024 तक नियम बनाने की समय सीमा तय की है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए अजय मिश्रा टेनी ने सीएए के नियमों को तैयार करने में देरी पर मटुआ समुदाय के डर को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित अधिनियम ने सुनिश्चित किया कि समुदाय के सदस्य नागरिक बनें।
अजय मिश्रा टेनी ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है. कोई भी मतुआ समुदाय के लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा तैयार होने की उम्मीद है।’ इस दौरान स्थानीय भाजपा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने उनका समर्थन किया।
गैर मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कई मौके पर इस बात की चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल में कभी भी सीएए को लागू नहीं होने देंगी। इस अधिनियम के जरिए 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जानी है।