मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने पूरे मंत्र‍िमंंडल के साथ रामलला के साथ हनुमानगढ़ी में क‍िया दर्शन पूजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल के साथ अयोध्या में राम लला और हनुमानगढ़ी में दर्शनपूजन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पूरा मंत्रीमंडल करीब चार घंटे वह रामनगरी में रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ हनुमानगढ़ी का दर्शन पूजन करने के बाद निर्माणाधीन राम जन्मभूमि मंदिर का अवलोकन एवं अस्थायी गर्भगृह में विराजमान रामलला का दर्शन-पूजन क‍िया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर 12 बजे से अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे। बैठक के ल‍िए एक घंटे का समय आरक्षित रखा गया है। कैबिनेट मीटिंग को लेकर बुधवार को ही मंडलायुक्त गौरवदयाल, आइजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार व एसएसपी राजकरन नय्यर ने रामनगरी के प्रमुख स्थलों पर पहुंच सुरक्षा व्यवस्था व बैठक से संबंधित सभी तैयारियों को सायं सात बजे तक पूरा करने का निर्देश दिया था।

अयोध्या में 9 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक

राम कथा पार्क में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्रकारों को देंगे. प्रेस ब्रीफिंग के बाद पूरी कैबिनेट का भोजन होगा. भोजन का आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के सरयू अतिथि गृह में रखा गया है. भोजन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से रवाना हो जाएंगे. कैबिनेट की बैठक के लिए राम कथा पार्क और राम कथा संग्रहालय को सजाया जा रहा है. मरम्मत के साथ रंग रोगन और सफाई व्यवस्था का काम युद्ध स्तर पर जारी है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ -सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था रहेगी चाक चौबंद
कैबिनेट की बैठक को देखते हुए सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चाक चौबंद करने के लिए बैठकें की जा रही हैं. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि राजनीतिक दलों के लोग फैजाबाद को छूकर निकल जाते थे. डर के मारे किसी की अयोध्या में एंट्री नहीं होती थी.अब पूरी कैबिनेट हनुमान और रामलला के चरण में है. उन्होंने उम्मीद जताई की कैबिनेट की बैठक के बाद अयोध्या का विकास तेज गति से होगा.

ज्योतिषाचार्य अयोध्या कल्कि महाराज ने बताया कि 21वीं सदी उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है. 9 नवंबर 1979 को रामलला के सम्मान में पहला आधार रखा गया था. बाबरी मस्जिद राम मंदिर प्रकरण का फैसला भी 9 नवंबर 2019 को हुआ था. अब एक बार फिर 9 नवंबर को कैबिनेट की बैठक होने जा रही है.

अभी कुछ दिन पहले काशी में कैबनेट की बैठक हुई थी. किसी ने कल्पना नहीं की थी कि अयोध्या में कैबनेट की बैठक होगी. उन्होंने कहा कि सनातन विरोधियों के विनाश की कील का पहला पत्थर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाड़ने जा रहे हैं. अब भविष्य में सनातन विरोधियों के पनपने-फलने, फूलने का सपना संभव नहीं है. भारत पूरे विश्व में अयोध्या के माध्यम से नई रूप रेखा तयार कर रहा है. इसका लाभ दुनिया के कोने में रह रहे सभी सनातनियों को मिलेगा.

गोरखनाथ मंदिर उन मंदिरों की विचारधारा से अलग है, जहां दलितों का प्रवेश वर्जित होता है. इस मंदिर की ओर से जात-पात के खिलाफ लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है. संभव है कि हनुमान जी को आदिवासी और दलित बताने वाला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये दांव दलितों का वोट लेने के लिए हो. संभव है कि इस कदम का कोई राजनीतिशास्त्र हो.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत नजदीक से जानने वाले गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार टीपी शाही कहते हैं, ‘गोरखनाथ पीठ की परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया. सहभोज के माध्यम से छुआछूत (अस्पृश्यता) पर प्रहार किया. इसलिए उनके साथ बड़ी संख्‍या में दलित भी जुड़े हुए हैं. गांव-गांव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया.”

शाही बताते हैं, “गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी कमलनाथ दलित चेहरा हैं. योगी के बाद सारा कामकाज वही संभालते हैं. आदित्‍यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ ने दक्षिण भारत के मंदिरों में दलितों के प्रवेश को लेकर संघर्ष किया. जून 1993 में पटना के महावीर मंदिर में उन्‍होंने दलित संत सूर्यवंशी दास का अभिषेक कर पुजारी नियुक्‍त किया.”

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