आकर्षण का केंद्र है रामविहार कॉलोनी की 16 फीट की भगवान श्रीराम की मूर्ति रामविहार कॉलोनी में होगा वार्षिकोत्सव का आयोजन

पीलीभीत। देश एवं प्रदेश राममय हो गया पांच सौ साल की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम अपने घर में आश्रय लेने आ रहे है।
शहर में राम विहार कॉलोनी भी राममय हो गयी है।
कॉलोनी में इस बार होने वाला राम दरबार मंदिर वार्षिकोत्सव कार्यक्रम 19 जनवरी से आरंभ हो रहा है।
संपूर्ण भारत में रामलला की मूर्ति की अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर उत्सव हर्षोल्लास का वातावरण धीरे-धीरें बनने लगा है।जिले के अनेक स्थानों पर 22 जनवरी को भंडारे, पूजा अर्चना के साथ-साथ दीपोत्सव का वातावरण बनने जा रहा है। इस क्रम में अनेक कार्यक्रम हो रहे है। इसके मध्य रामविहार कॉलोनी के संचालको तथा निवासियों ने जनपद की एकमात्र सौलह फीट ऊंची श्रीराम की मूर्ति को रामवाटिका में स्थापित की साथ ही साथ राम दरबार को मंदिर के रुप में स्थापित किया गया।रामविहार के संचालकों एवं निवासियों ने इस निमित्त 19 से 22 जनवरी तक रामदरबार मंदिर में दीपोत्सव मनाने का निर्णय लिया है। 21 जनवरी को रामचरित मानस का अखंड पाठ होगा। 22 को इसको विश्राम दिया जाएगा और भंडारे का आयोजन किया जाएगा। भगवान श्रीराम की यह 16 फीट ऊंची यह मूर्ति लोगों की आस्था का केंद्र है।ऐसी मान्यता है कि जो रामबिहार कॉलोनी की श्रीराम की भव्य मूर्ति का दर्शन उपरांत मंदिर के दरबार के पीपल के पेड मे ंमन्नत का धागा बांधता है। उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।कॉलोनीवासियों के अनुसार श्री राम मंदिर कि प्राण प्रतिष्ठा हुए 19 जनवरी को एक वर्ष होने जा रहा है। भगवान का शुभ संयोग देखिये कि 500 वर्षाे कि कड़ी तपस्या का फल भी 22 जनवरी को अयोध्या मे राम लला विराजमान होकर हम सबको मिल रहा है,
तो इस शुभ समय पर मंदिर का वषिकोत्सव व राम लला विराजमान के आयोजन को कॉलोनी वासी बहुत धूम धाम से मनायंlगे। इसके लिए एक बैठक मंगलवार 9 जनवरी को मंदिर प्रांगण मे दिन मे 12 बजे बुलाई गई है। प्रथम वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ 19 जनवरी को मंदिर प्रांगण व कॉलोनी की सजावट एवं संध्या 7 बजे भव्य दिव्य आरती एवं प्रसाद वितरण से होगा। 21 जनवरी प्रातः 10 बजे श्री राम चरित मानस अखंड पाठ आरम्भ होगा।
22 जनवरी प्रातः 10 बजे पाठ समापन भव्य दिव्य आरती, भोग उपरांत सीता रसोई प्रसादी भंडारा आरंभ किया जाएगा इस अवसर पर कमेटी के सदस्य मनोज पटेल ने समाचार पत्र के माध्यम से लोगों से आग्रह किया की अधिक से अधिक संख्या में लोग पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित करें।

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