संदेशखाली विवाद: संदेशखाली हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी को कोलकाता में प्रदर्शन की इजाजत दे दी है. हालांकि, कोर्ट ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी के सामने कुछ शर्तें रखी हैं. हाईकोर्ट के जस्टिस कौशिक चंदा ने निर्देश दिया कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. न ही इसमें 150 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे. बीजेपी बुधवार और गुरुवार को कोलकाता के मैदान क्षेत्र में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर सकती है. ये प्रदर्शन 10 बजे से 6 बजे के बीच आयोजित किया जाएगा.
बीजेपी ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में टीएमसी के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए कोलकाता पुलिस से अनुमति मांगी थी. कोलकाता पुलिस ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाओं का हवाला देते हुए विरोध-प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद बीजेपी ने हाईकोर्ट का रुख करके प्रदर्शन की अनुमति के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की थी.
टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग
दरअसल, संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके करीबियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. स्थानीय शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मामले में कोलकाता पुलिस ने अब तक 18 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें कुछ टीएमसी के स्थीनीय नेता भी हैं. हालांकि, शाहजहां शेख अभी भी फरार है. ऐसे में बीजेपी उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है.
उधर, टीएमसी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल सरकार संदेशखाली में यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों पर कार्रवाई कर रही है. तृणमूल नेता सुष्मिता देव, सागरिका घोष और साकेत गोखले ने बीजेपी पर संदेशखाली मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य कार्रवाई कर रहा है और मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.
इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी. टीएमसी ने इस पत्र को नौटंकी करार दिया. टीएमसी ने कहा कि साय को अपने राज्य छत्तीसगढ़ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए