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अंबेडकरनगर। भूमि विवादों पर लगाम लगाने व सरकारी भूमि को सुरक्षित बचाने में न्यायालय के साथ ही जिला प्रशासन की सख्ती से इस वित्तीय वर्ष में बड़ी सफलता मिली है। जिला प्रशासन ने 2,797 भूखंड को अतिक्रमण एवं भूमाफिया से मुक्त कराया गया है।
इसमें 776 भूखंड समझौते पर खाली कराए गए व 2,021 भूखंडों को प्रशासनिक कार्रवाई से खाली कराया है। जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन को भूमि पर अवैध कब्जे की मिली 4,245 शिकायतों का परीक्षण कर पांचों तहसील में 75 मामले निस्तारित किए गए, जबकि 916 भूमि विवाद न्यायालयों में विचाराधीन हैं। वहीं 464 शिकायतें स्थलीय जांच में निराधार मिलीं।
प्रशासन ने खूब चलाया चाबुक
सरकारी एवं निजी भूमियों से अवैध कब्जा हटाने में तहसील प्रशासन ने विगत दिनों जमकर चाबुक चलाया है। तहसील अकबरपुर में 371, टांडा में 285, जलालपुर में 665, आलापुर में 457 तथा भीटी में 243 भूमि को मुक्त कराया गया। इस दौरान अवैध निर्माण तथा कब्जा करके लगाई गई फसलों को बुलडोजर से रौंदकर अतिक्रमणकारियों और भूमाफियाओं के हौसलों को पस्त किया गया। इसमें 2,021 भूखंड की लगभग 77 हेक्टेयर भूमि खाली हुई है।
समझौते से बन गई बात
अवैध कब्जे हटवाने में अधिकारियों ने समझौते को प्राथमिकता दी और परिणाम भी सार्थक रहा। पांचों तहसीलों में 776 भूखंड की 18 हेक्टेयर भूमि को खाली कराई गई है। तहसील अकबरपुर में 124, टांडा में 325, जलालपुर में 87, आलापुर में 135 तथा भीटी में 105 भूमि को मुक्त कराया गया।
निराधार शिकायतों में क्षीण होती ऊर्जा
भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर पांचों तहसीलों में मिली 4,245 शिकायतों का परीक्षण करने में 464 निराधार मिलीं। उक्त बोगस शिकायतों का निस्तारण करने में अनायास सरकारी मशीनरी की ऊर्जा क्षीण हुई। सर्वाधिक निराधार शिकायत तहसील अकबरपुर में 212 रही। टांडा में 103, आलापुर में 136 तथा भीटी में महज 13 रही। वहीं जलालपुर तहसील में कोई निराधार शिकायत नहीं मिली।
भूमि विवादों का पटाक्षेप करने तथा अवैध कब्जे से भूमि मुक्त कराने में प्रशासन सक्रिय है। तीन भूमि खाली कराने से बची है। अकबरपुर व जलालपुर में 10 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। – डा. सदानंद गुप्त, एडीएम