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आम बजट से कोई खुश, तो कोई मायूस
बलिया। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्याथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा आम बजट सोमवार को विधानसभा में पेश किया गया। इस बजट का आकार भले ही बहुत बड़ा हो, लेकिन सभी इससे संतुष्ट नहीं हैं। यह बजट लोगों के अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। चुनावी साल होने के नाते अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बजट में आम जनता के लिए काफी कुछ लुभाना होगा। प्रदेश का बजट पेश होने से पूर्व सभी वर्ग को काफी उम्मीदें थी कि इस बार का बजट कुछ खास होगा। बजट को जहां सत्ता पक्ष के लोग अबतक का सबसे अच्छा बजट बता रहे हैं, वहीं विपक्ष का कहना है कि यह बजट आम जनता को निराश करने वाला बजट है।
बजट पर जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
-आम बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। गांव में रहने वाले लोगों के लिए बिना ब्याज के ऋण की सुविधा दी गई। मुख्यमंत्री उद्यमी विकास योजना के तहत पांच लाख तक ब्याजमुक्त कर्ज देने की व्यवस्था है। यह यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा, वृन्दावन व विंध्याचल के लिए बजट में स्थान है। प्रयागराज कुम्भ के लिए अभी से बजट में व्यवस्था कर दी है। किसान, मजदूर से लेकर हर तबके का ख्याल रखा गया है।
–कृष्णा पांडेय (भाजपा महिला प्रकोष्ठ की वरिष्ठ नेता)
–वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट निराशा जनक है। इस बजट में गरीब, दलित अल्पसंख्यक, पिछड़ा और बेरोजगारों के बेहतरी के लिए कुछ नहीं है। बजट से स्पष्ट हो रहा हैं कि सरकार का विकास से दूर दूर तक कोई मतलब नही है। सरकार के पास नयी योजना तक नहीं है। सिर्फ धार्मिक भावनाओं के आधार पर वोट का खेल भाजपा सरकार खेल रही है। जनता के बेहतरी से इस सरकार का कोई वास्ता नहीं है। C.P.I. रिपोर्ट 2023 के मुद्रास्फीति दर 5.69 से देखें तो यह बजट काफी कम है।
-रामगोविंद चौधरी (सपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व राष्ट्रीय सचिव)।
-उत्तर प्रदेश का आज प्रस्तुत बजट निराशा जनक है। युवा, गरीब, किसान, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और बेरोजगार किसी भी वर्ग के लिए बजट में कुछ नहीं है। ये बजट सिर्फ सरकारी आंकड़ों का मकड़जाल है। इससे प्रदेश के आम लोगों को कोई राहत मिलने वाली नहीं हैं।
-संग्राम सिंह यादव (विधायक/जिलाध्यक्ष-सपा)।-उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट निराशाजनक है गरीब, नौजवान, बेरोजगार और किसान के लिए कोई स्थान नहीं है। इससे पूंजीवाद को बढ़ावा मिलेगा। मध्यम और खुदरा व्यापारी लाभ से वंचित हो जाएंगे। पूर्वांचल और खासकर बलिया जनपद के लिए कोई योजना नहीं है। आनन-फानन में तैयार किए गए इस बजट पर सरकार को पुनर्विचार करने की जरूरत है।
-मोहम्मद शमीम खान (एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश महासचिव)।
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