महादेव मंदिर जाने तक बेहता नदी घाट पर चंदे से युवाओं ने बनाया पुल

लोहे के पाईप वा इंगल की मदद से जाल का तैयार किया पुल

मंदिर में हवन पूजन कर पुल का किया गया उद्घाटन

मलिहाबाद में कौनेश्वर घाट पर पुल बनाए जाने की मांग ग्रामीण लंबे समय से सरकारों और जनप्रतिनिधियों से करते चले आ रहे थे लेकिन पुल न बन सका। लकड़ी का पुल बनाकर लोग आवागमन करते थे लेकिन वह साल भर में ही टूट जाता था। युवाओं ने टीम बनाकर चंदे से धन एकत्रित किया और लोहे के जाल का पुल बनाकर तैयार कर दिया। बुधवार को युवाओं ने मंदिर पर हवन पूजन कर पुल का उद्घाटन भी कर दिया।

नगर पंचायत मलिहाबाद और शेरपुर भौसा गांव के बीच बहने वाली बेहता नदी पर बांस बल्ली का पुल बनाकर कोनेश्वर महादेव मंदिर में लोग पूजा अर्चना करने जाते थे। वहीं कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए भी वही एकमात्र बांस बल्ली का पुल ही सहारा था लेकिन हर वर्ष बांस बल्ली से बना पुल टूट जाता था। इस समस्या के चलते लोगों ने पुल बनाए जाने की मांग सरकारों और जनप्रतिनिधियों से की थी लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। सरकारों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार स्थानीय लोगों व युवाओं की टीम ने चंदे से धन एकत्रित किया और लोहे की पाइप वा इंगल की मदद से जाल का पुल तैयार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि ऐतिहासिक कोनेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले मेलो एवं दर्शन व कब्रिस्तान में शवों का अंतिम संस्कार करने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बुधवार को स्थानीय लोगों व युवाओं ने महादेव मंदिर पर हवन पूजन कर जाल के पुल का उद्घाटन कर भंडारे का भी आयोजन किया। बुजुर्गों ने युवाओं की टीम की पीठ थपथपाई बोले अच्छे कार्यों से ही अच्छे समाज का निर्माण संभव है।

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