हमीरपुर : मौदहा कस्बे के सर्वोदय विकास आश्रम में रह रहे वृद्ध अध्यापक का सड़ा गला शव संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे में पड़ा मिलने से मोहल्ले में सनसनी फैल गई। अध्यापक काफी अरसे से अपने परिवार से अलग कमरा लेकर रह रहा था। कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच मामले की छानबीन करते हुए मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
मौदहा के मराठी पुरा निवासी अलक्षेन्द्र नामदेव (69 वर्ष) पुत्र शंभू दयाल अपनी पत्नी व बेटों से मनमुटाव होने के चलते दो दशक से भी अधिक समय से नगर के सर्वोदय विकास आश्रम में किराए का कमरा लेकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना जीवन यापन कर रहा था। बुधवार की दोपहर उसका सड़ा गला शव संदिग्ध अवस्था में कमरे में पड़ी चारपाई में पड़ा देख बगल में रहने वाले फर्नीचर मिस्त्री सोनू ने आसपास के लोगों को घटना की सूचना दी। यह खबर फैलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा होने लगी। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंच घटना स्थल की छानबीन करते हुए मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कोतवाली प्रभारी रामाश्रय सरोज ने इसे स्वाभाविक मौत बताया है।