मथुरा। द्वारिकापुरी मुहल्ला में मां की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार को लेकर बेटे और बेटियों में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ।
कोतवाली नगर क्षेत्र अंतर्गत द्वारिकापुरी मुहल्ला निवासी 85 वर्षीय महिला ब्रह्मा देवी चार दिन से अस्पताल में भर्ती थीं। शुक्रवार दोपहर ढाई बजे उनकी मृत्यु हो गई। उनके बेटे योगेश चौधरी ने बहन आशा, आभा और अरुणा पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दे दी।
पुलिस मौके पर पहुंची और जानकारी की तो संपत्ति का विवाद सामने आया। वृद्धा के शव को लेकर बेटा और बेटियों में विवाद शुरू हो गया। वृद्धा के पुत्र योगेश ने कहा मां का अंतिम संस्कार वह करेगा, बहनों का कोई हक नहीं है। तीनों बेटियां आभा, अरुणा और आशा एकतरफ होते हुए बोलीं कि योगेश की संपत्ति पर नजर है। जीते-जी मां की देखभाल नहीं की, अब अंतिम संस्कार करना चाहते हैं।
रात भर चला विवाद
देर रात दो बजे तक विवाद चलता रहा। रिश्तेदार-पड़ोसी भी शव के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बैठे रहे, लेकिन बात नहीं बन सकी। शनिवार को पुलिस ने स्वजन से फिर वार्ता की। शहर कोतवाल रवि त्यागी और कृष्णा नगर चौकी प्रभारी विक्रांत तोमर ने स्वजन को समझाया, तब जाकर दोपहर ढाई बजे शव श्मशान घाट ले जाया गया। वहां भी विवाद होने की स्थिति बनी, लेकिन पुलिस ने मामला शांत कर दिया। पुलिस ने मृतका के नाती (योगेश चौधरी के बेटे) और धेवते (मृतका की बेटी के बेटे) से संयुक्त रूप से अंतिम संस्कार कराया।
पुलिस जांच में यह सामने आया मामला
पुलिस की जांच में पता लगा ब्रह्मा देवी के पति ओमकार चौधरी कस्टम विभाग में अधिकारी थे। ब्रह्मा देवी की तीन बेटी आशा, आभा और अरुणा जबकि दो बेटे अशोक व योगेश चौधरी हैं। बड़े बेटे अशोक चौधरी हाईकोर्ट में अधिवक्ता थे। उनकी 19 जनवरी को ही मृत्यु हुई थी।
अरुणा के पति आइबी में हैं, वे परिवार के साथ जनकपुरी, अलीगढ़ में रहती हैं। वहीं, आशा चौधरी पति के साथ द्वारिकापुरी में ही रहती हैं। आभा मेरठ स्थित ससुराल को छोड़कर मां और भाई अशोक चौधरी के साथ द्वारिकापुरी में ही रहती हैं। मकान को लेकर योगेश व उसकी बहनों में विवाद चल रहा है।
बड़े बेटे की मृत्यु पर भी हुआ था विवाद
19 जनवरी को वृद्धा के साथ रह रहे बड़े बेटे अशोक चौधरी की मृत्यु हुई थी। उनकी मौत पर भी भाई-बहनों में अंतिम संस्कार को लेकर घंटों विवाद हुआ था। बाद में किसी तरह पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कराया।