आयुर्वेद में माना जाता है कि नाभि शरीर का केंद्र होती है। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो वो मां की नाभि से जुड़ा होता है। अक्सर जब पेट में दर्द होता है तो दादी-नानी हींग को भूनकर नाभि में ही डालती हैं। ऐसे में नाभि का सीधी संबंध सेहत से समझा जाता है। सेहत को दुरुस्त रखने के लिए नाभि में कुछ तेल डालने अच्छे माने जाते हैं। कहते हैं नाभि में तेल डालने पर सेहत को अलग-अलग तरह के फायदे मिल सकते हैं और यह तेल त्वचा पर चमक और निखार लाने का भी काम करता है। जानिए नाभि में कौन-कौनसे तेल डाले जा सकते हैं और किस तरह।
नाभि में तेल डालना
नाभि में तेल डालने पर पेट दर्द, अपच, बालों का झड़ना और रूखी-सूखी त्वचा की दिक्कत दूर हो सकती है। बेली बटन की ऑयलिंग करने पर तेल ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है और इम्यूनिटी मजबूत बनाने में फायदेमंद हो सकता है। पीरियड्स में होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी नाभि में तेल डाला जा सकता है। नाभि में तेल डालने का एक फायदा यह भी है कि इस तेल से नाभि की अच्छी सफाई हो जाती है और नाभि में गंदगी या डेड स्किन सेल्स जमी हुई नहीं रहती हैं।
नाभि में तेल डालने का सही समय रात का बताया जाता है। रात के समय नाभि में 2 से 3 बूंदे तेल की डाली जा सकती हैं। तेल ठंडा नहीं होना चाहिए बल्कि हल्के गर्म तेल का इस्तेमाल करें। इसे उंगलियों से नाभि में मलें। नाभि इस तेल को सोख लेती है। अगर नाभि में तेल भरा हो तो सोने से पहले रूई से नाभि को थोड़ा साफ करके भी सोया जा सकता है।
नारियल का तेल
नाभि में नारियल का तेल डाला जा सकता है। इस तेल से शरीर को एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण मिलते हैं। इस तेल से फैटी एसिड्स स्किन को नमी देने का भी काम करते हैं और त्वचा निखरने में असर दिखता है सो अलग।
बादाम का तेल
विटामिन ई से भरपूर बादाम के तेल को भी नाभि में डाला जा सकता है। नाभि के अंदर बादाम का तेल डालने पर शरीर को इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मिलते हैं। इससे स्किन मॉइश्चराइज्ड भी होती है।
तिल का तेल
नाभि के लिए एक और फायदेमंद तेल है तिल का तेल. एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर तिल का तेल नाभि में डालने के लिए एक और अच्छा तेल है।