ज़फर मैराज पाकिस्तानी लेखक। सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाने वाला ज़िंदगी चैनल, भारतीय टेलीविजन पर पहली बार ताज़ातरीन ट्रेंडिंग पाकिस्तानी शो ‘काबली पुलाव’ पेश करने के लिए तैयार है। यह ज़िंदगी के लिए एक बेहद खास पड़ाव है, क्योंकि यह माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले को मान्य करता है, जिसने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। यह लॉन्च, कला की आज़ादी, विविधता और सरहद के दोनों ओर की कहानियों के समृद्ध ताने-बाने का जश्न मनाने के ज़िंदगी चैनल के प्रयासों की एक मिसाल है।
ज़फर मैराज ने इंसानी जज़्बातों को मद्देनज़र रखा
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है, जिसने अपने उल्लेखनीय लेखन, निर्देशन और संजीदा अभिनय के लिए जमकर तारीफ़ें हासिल की हैं। जाने-माने पाकिस्तानी लेखक ज़फर मैराज ने काशिफ निसार के विचारशील निर्देशन में इंसानी जज़्बातों की उलझनें उजागर करने वाली एक कलात्मक कहानी गढ़ी है। दर्शकों को एक दिल छू लेने वाले सफर पर ले जाने वाली 18-भाग की इस सीरीज़ को 11 नवंबर 2023 से रात 10 बजे, सोमवार से रविवार सिर्फ ज़िंदगी पर देखिए। ज़िंदगी चैनल डीटीएच सर्विसेज़ डिश टीवी, डी2एच, टाटा स्काई और एयरटेल पर उपलब्ध है। इसके अलावा, दोनों देश (भारत और पाकिस्तान) मिलकर ज़िंदगी पर एक साथ ‘काबली पुलाव’ के फिनाले का शानदार प्रसारण देखेंगे।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
काबली पुलाव एक बेमिसाल रचना है, जो अपने लीड एक्टर्स मोहम्मद एहतेशामुद्दीन और सबीना फारूक की दमदार अदाकारी के जरिए दिल की गहराइयों में उतर जाती है, जिन्होंने अपने किरदारों में जान फूंक दी। इस शो में मंत्रमुग्ध कर देने वाला एक ओरिजिनल साउंडट्रैक ‘आंखें’ भी है, जिसे संगीत उस्ताद राहत फतेह अली खान ने गाया है। इस गाने ने पहले ही दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है और यह नगमा शो की खूबसूरती बयां करता है।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
‘काबली पुलाव’ लाहौर के एक ईमानदार आदमी हाजी मुश्ताक उर्फ मोहम्मद एहतेशामुद्दीन और सबीना फारूक द्वारा अभिनीत एक जरूरतमंद अफगानी लड़की बारबीना की कहानी है। कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि कैसे हाजी (एक साधारण कुंवारा आदमी जो लगभग 50 साल का है) अपनी बीमार मां के लिए चिकित्सा देखभाल की तलाश में एक युवा लड़की बारबीना (20 वर्ष की) से मिलता है। जैसे-जैसे हाजी मुश्ताक उस लड़की के साथ ज्यादा समय बिताता है, वो दुनिया को एक अलग नजरिए से देखना शुरू कर देता है और उसे ज़िंदगी में पहली बार मोहब्बत होती है।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
शरणार्थियों और महिला किरदारों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करने वाले शो, काबली पुलाव को यूट्यूब पर 100 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है और ये गिनती जारी है। यह शो प्रगतिशील कहानी कहने की एक मिसाल है, जो दर्शकों को किरदारों के एहसास से जुड़ने और उनके साथ एक रिश्ता बनाने के लिए आमंत्रित करता है, जिसका दायरा पर्दे से भी आगे है।
ज़फर मैराज ने इंसानी जज़्बातों को मद्देनज़र रखा
भारत में ‘काबली पुलाव’ के प्रसारण के ज़िंदगी के ताजा ऐलान पर ‘सुपरस्टार’ और ‘दम मस्तम’ जैसी फिल्मों और ‘सदके तुम्हारे मोहम्मद’ जैसे टीवी शोज़ के आज़ाद ख्यालों वाले निर्देशक एहतेशामुद्दीन, जो इस शो में हाजी साहब का लीड रोल निभा हैं, कहते हैं, “यह शो सबसे अप्रत्याशित और दिल छू लेने वाले तरीके से प्यार की गहराई दिखाता है और एक प्रेरक कहानी में प्यार की ताकत, खुशी की तलाश और संस्कृतियों के मिलन को दर्शाता है।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
यह बड़ी खूबसूरती से लिखी गई एक कहानी है, जो इंसानी दिलों में गहराई तक उतर जाती है। काबली पुलाव हमेशा मेरे दिल में एक खास जगह रखेगा क्योंकि यह शायद उन कुछ मौकों में से एक था, जब मुझे कई सालों तक कैमरे के पीछे रहने के बाद, हाजी मुश्ताक के रोल में कैमरे के सामने आने का मौका मिला। इस शो को मिल रहे प्यार और तारीफों को देखकर बेहद खुशी हो रही है। ज़िंदगी के इस शो को पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में प्रसारित होते देखना और दर्शकों को असल में इस दिल छू लेने वाले सरहद पार के सफर से जोड़ना बड़ा खुशनुमा एहसास है। मैं इसका हिस्सा बनकर बेहद रोमांचित हूं और अब मुझे बड़े सब्र के साथ भारतीय दर्शकों के प्यार और विचारों का इंतजार है।”
ज़फर मैराज ने इंसानी जज़्बातों को मद्देनज़र रखा
लीड एक्ट्रेस सबीना फारूक, अपने हालिया हिट शो ‘तेरे बिन’ में अपने किरदार से अलग, जहां उन्होंने एक बुरा किरदार निभाया था, काबली पुलाव में बारबीना के रूप में एक बिल्कुल अलग और प्यारे किरदार में नजर आएंगी। शो की भारत रिलीज़ के बारे में बात करते हुए, वो कहती हैं, ‘‘काबली पुलाव’ में एक्टिंग करना जज़्बातों का एक शानदार सफर रहा है।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
किरदारों की गहराई और कहानी की वास्तविकता उन सभी चीज़ों से अलग है जिन पर मैंने पहले काम किया है। ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है जो ज़िंदगी बदलने की प्यार की ताकत दर्शाता है। ये खास कहानी पूरे शो में खूबसूरती से नजर आती है और मुझे यकीन है कि यह इसे देखने वाले हर इंसान पर अपनी छाप छोड़ेगी। हमारे साथ इस भावनात्मक सफर पर चलने के लिए मुझे भारतीय दर्शकों का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि ‘काबली पुलाव’ दर्शकों को एक विश्वसनीय दुनिया में ले जाता है जो उन्हें घर के करीब महसूस कराता है।”
ज़फर मैराज ने इंसानी जज़्बातों को मद्देनज़र रखा
निर्देशक काशिफ निसार ने कहा, “काबली पुलाव’ सामान्य से हटकर, प्यार और जीवन की तलाश है। दर्शकों को पसंद आने वाली पेचीदा कहानियां बनाना हमेशा से मेरा जुनून रहा है। ‘काबली पुलाव’ ने मुझे एक ऐसी कहानी गढ़ने की इजाजत दी जो खानपान की परंपराओं के आकर्षण के साथ इंसानों जज़्बातों को जोड़ती है। मेरा मिशन एक ऐसा शो बनाना था जो कहानी कहने के प्रति वफादार रहे। प्यार से जुड़े कच्चे और उलझे हुए जज़्बातों को बड़े एहतियात के साथ पेश करने के लिए सबीना और मोहम्मद को बधाई।
‘काबली पुलाव’ एक अपरंपरागत और जज़्बातों से भरी सीरीज़ है
उनके प्रदर्शन ने दर्शकों पर जज़्बाती तौर पर असर किया और हर सीन के साथ एक अमिट छाप छोड़ी। मुझे भारतीय और पाकिस्तानी दोनों दर्शकों के लिए एक साथ ‘काबली पुलाव’ पेश करते हुए बेहद गर्व महसूस हो रहा है, जहां ज़िंदगी चैनल टेलीविजन पर पहली बार ग्रैंड फिनाले का एक साथ प्रसारण करने जा रहा है। अंत में, हमारी टीम सरहद पार कॉन्टेन्ट दिखाकर और कलाकारों के लिए नए दरवाजे खोलकर इस अंतर को पाटने के लिए ज़िंदगी के प्रति गहरा आभार जताती है।”