मणिपुर हिंसा की पीड़ित महिलाओं को दी गई 5 करोड़ की सहायता राशि…

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर मैतई और कूकी समुदाय में जारी गतिरोध में अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है. 3 मई को मैतई और कूकी लोगों के बीच हिंसा भड़की थी, जिसने बाद में विकराल रूप धारण कर लिया और आगजनी से लेकर दुष्कर्म तक की घटनाएं सामने आईं. मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (20 नवंबर) को सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान, मणिपुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 3 मई से अब तक दुष्कर्म और अन्य आपराधिक घटनाओं की पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है. राज्य सरकार ने यह भी बताया कि यह राशि एक समर्पित बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई है, जहां से पीड़तों को मदद पहुंचाई गई. हालांकि, कितनी महिलाओं को अभी तक यह राशि मिली है, इसकी सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी.

5 से 10 लाख तक की सहायता राशि
मणिपुर हिंसा की पीड़ित महिलाओं को 5 लाख से 10 लाख तक की सहायता राशि दी जा रही है. जिन महिलाओं की हिंसा में मौत हो चुकी है या सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ितों के लिए 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी गई है. वहीं, राज्य सरकार ने यह भी बताया कि हिंसा में घायल महिलाओं के लिए 1 लाख से 9 लाख रुपये तक की सहायता राशि बैंक में ट्रांसफर की गई है.

मणिपुर हिंसा में अब तक 180 लोगों की मौत
3 मई को भड़की हिंसा के बाद से अब तक मणिपुर में 180 लोगों की मौत हो चुकी हैं. अगस्त में मणिपुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) महिलाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ और हत्या के 20 मामलों की जांच कर रहा है. राज्य सरकार ने बताया कि पीड़ित महिलाओं को 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की सहायता राशि दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने पीड़ितों को सहायता राशि देने के लिए यह स्कीम शुरू की.

दो महिलाओं को निर्वस्त्र गांव में घुमाने का वीडियो हुआ था वायरल
मणिपुर हिंसा के दौरान, दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने का वीडियो भी सामने आया था. वीडियो में हजारों लोगों की भीड़ नजर आ रही थी और कुछ लड़के हथियार लिए हुए थे. यह घटना 4 मई को मणिपुर के थोबल जिले में हुई थी, जिसे मैतई बहुल इलाका मामा जाता है. घटना के करीब डेढ़ महीने बाद वीडियो सामने आने के बाद 21 जून को मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. हालांकि, 18 मई को मामले की शिकायत पुलिस में कर दी गई थी.

घटना वाले दिन हजारों की बेकाबू भीड़ ने गांव पर हमला कर दिया था और महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. पुलिस ने अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में किडनैपिंग, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज कर लिया था. महिलाओं के साथ हुई इस घटना में 6 लोगों को सीबीआई ने मुख्य आरोपी बनाया था.

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