आतिशबाजी के साथ दस दिवसीय देवा महोत्सव का हुआ समापन

बाराबंकी। आतिशबाजी के साथ दस दिवसीय देवा महोत्सव का बुधवार देर शाम समापन हो गया। पुलिस अधीक्षक बाराबंकी दिनेश कुमार सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने महोत्सव का समापन किया। सतेंद्र कुमार झा ने महोत्सव पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। रेखा सिंह ने मोहम्मद आजम बाराबंकी के सेहरा में आग लगाकर आतिशबाजी की शुरुआत की। आतिशबाजी प्रोग्राम में नाजिम जैदपुर, आफाक जैदपुर,मंजर जैदपुर, कबीर जैदपुर, गामा जैदपुर, गुलाम वारिस जैदपुर। ने भाग लिया।
आतिशबाजी प्रतियोगिता में पहला स्थान जैदपुर के गुलाम वारिस को मिला। दूसरे स्थान पर मोहम्मद नाजिम और तीसरे स्थान पर कादिर रहे। समापन के मौके पर हुई आतिशबाजी देखने के लिए परिसर में जायरीनों की भीड़ जुटी थी। आतिशबाजों ने एक से बढ़कर एक आतिशबाजी का प्रदर्शन किया। इस दौरान महोत्सव में बेहतर सहयोग देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को जिलाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। इस मौके पर एडीएम अरुण कुमार सिंग, सीओ नगर बीनू सिंह,राम कृपाल सिंह, राजेश मिश्रा,राय सर्वेश्वर बली, फव्वाद किदवई, आशीष पाठक समेत अन्य सहयोगियों को सम्मानित किया गया।

मालिनी अवस्थी के अवधी और पारंपरिक गीतों से गूंजा देवा मेला ऑडीटोरियम, लोकगायिका ने खनकती आवाज से बांधा समां

बाराबंकी. देवा मेला ऑडीटोरियम विख्यात लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी के अवधी और पारंपरिक गीतों के सुरों से गूंजा। कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी ने भजन, लोकगीत, भोजपुरी गीत, छठ गीत और सोहर की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मालिनि अवस्थी ने कार्यक्रम की शुरुआत सूफी गीत ‘मोको कहां ढूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास रे’ से की। इसके बाद उन्होंने अपनी खनकती आवाज में राम जन्म के समय के गीत मचल रहीं आज महलन मा दाई पेश किया, जिस पर लोग झूम उठे। उन्होंने सुहाग गीत सिया रानी का अटल सुहाग रहे, राजा राम के सिर पर ताज रहे गाकर लोगों को मुग्ध कर दिया। इसके बाद सेहरा गीत राम पहिरे फूलन को सेहरा गाकर अवध की संस्कृति से परिचय कराया। अपनी खनकती आवाज में मालिनी अवस्थी ने एक से एक पारंपरिक गीतों को प्रस्तुत कर समां बांधा और लोगों को तालियां बजाकर झूमने पर मजबूर कर दिया। गीत-संगीत का यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

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