रामनगर। हाईवे और रिंग रोड से शहर के अंदर आने वाली छह सड़कों के चौड़ीकरण में बाधा पहुंचा रहे भवनों के साथ जिला प्रशासन ने बुधवार को मंदिर और मस्जिद को भारी विरोध के बीच तोड़ने की कार्रवाई की। अतिक्रमण की जद में आने वाले हिस्से को टूटने के साथ लोक निर्माण विभाग की देखरेख में कार्यदायी संस्था ने काम शुरू कर दिया।
इन सभी भवनों के साथ मंदिर और मस्जिद प्रबंधन संग दो माह में कई बार बैठक हुई। वे समय मांगते रहे। इसके चलते परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही थी। जिलाधिकारी एस राजलिंगम के निर्देश पर राजस्व टीम संग पुलिस और लोक निर्माण विभाग की टीम बुलडोजर से चिह्नित अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दी।
बुधवार को प्रशासनिक अमला रामनगर थाने के पास स्थित हैदर अब्बास मस्जिद और ग्वाल मंदिर को ध्वस्त करने पहुंचा। लेकिन मस्जिद तोड़े जाने का कुछ लोग विरोध करने लगे। उनका कहना था कि मस्जिद खाली करने के लिए कुछ समय दिया जाए। वे लोग खुद तोड़ने की बात करने के अलावा मस्जिद के पीछे खाली पड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीन मस्जिद को देने की मांग करने लगे।
मौके पर मौजूद एसडीएम सदर सार्थक अग्रवाल और एसीपी कोतवाली अमित पांडेय व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना था कि पांच महीने से समय दिया जा रहा है लेकिन आप लोग प्रशासन की बातों को गंभीरता से न लेकर बहानेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने मस्जिद से सामान हटाने के लिए डेढ़ घंटे का मोहलत दी।
इसके बाद मंदिर और मस्जिद से मूर्ति और सामान हटाए जाने के बाद एक साथ दो बुलडोजरों से मस्जिद और ग्वाल मंदिर के उन हिस्सों को ढहा दिया। दूसरी तरफ साहित्यनाका इलाके में भी मस्जिद को लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया। यहां भी लोग मस्जिद के बदले जगह देने की मांग कर रहे थे। दूसरी तरफ शीतला माता मंदिर तोड़े जाने का भी बड़ी संख्या में जुटे लोग यह कर के विरोध करने लगे कि पहले मंदिर के लिए जगह दी जाए।
घंटों चली पंचायत के बाद तय हुआ कि मंदिर को उसी जगह से थोड़ा पीछे हट कर खाली पड़ी जमीन पर स्थापित किया जाएगा। लेकिन मस्जिद के लिए जगह का मामला हल न हो पाने की वजह से फिलहाल अन्य मस्जिदों का ध्वस्तीकरण रोक दिया गया। इधर, कचहरी से संदहा मार्ग स्थित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने मस्जिद की बाउंड्री को तोड़ दिया गया। इसके अलावा कई पक्के निर्माण तोड़े गए।