कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में रिश्वत के बदले सवाल पूछने के आरोप पर एक बार फिर पलटवार किया है। महुआ ने कहा कि उन पर लगाए आरोप एकदम गलत हैं और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा भी फर्जी है।
महुआ ने आरोप लगाया गया है कि ये सब पीएममो ने हीरानंदानी को बंदूक की नोक पर मजबूर कर श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर कराए हैं।
हलफनामे पर उठाए सवाल
टीएमसी सांसद ने कथित तौर पर हीरानंदानी द्वारा संसद की आचार समिति को सौंपे गए हलफनामे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि यह “न तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और न ही नोटरीकृत है”।
‘सिर पर बंदूक रखे बिना यह संभव नहीं’
हलफनामे पर बोलते हुए महुआ ने कहा कि ये न तो आधिकारिक लेटरहेड है और न ही नोटरीकृत है। उन्होंने कहा कि भारत के बड़े और शिक्षित व्यापारियों में से एक हीरानंदानी किसी श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेंगे जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो?
हीरानंदानी ने लगाए ये आरोप
बता दें कि एक दिन पहले दिग्गज व्यापारी हीरानंदानी ने चिट्ठी लिख महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। हीरानंदानी ने कहा कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का इमेल एक्सेस था, जिससे वो खुद ही अदाणी के खिलाफ सवाल डाल देते थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ ने अदाणी पर आरोप इसलिए लगाए ताकि वो पीएम मोदी की छवि खराब कर सकें। हीरानंदानी ने इसपर अपने हस्ताक्षर के साथ एक हलफनामा भी जारी किया है।
हीरानंदानी ने और क्या कहा
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में महुआ मोइत्रा पर ‘रिश्वत लेकर लोकसभा में सवाल पूछने’ का आरोप लगाया था। आरोपों के बाद बीते दिन दर्शन हीरानंदानी ने पहली बार एक हलफनामे में इसका जवाब दिया। उन्होंने हलफनामा संसद की आचार समिति को सौंपा और महुआ मोइत्रा से अपनी दोस्ती की बात कबूली।
हीरानंदानी ने कहा कि उनकी दोस्ती बंगाल समिट में 2017 में हुई थी। उन्होंने कहा कि महुआ मेरी करीबी दोस्त बन गई और इसी कारण मैंने उसकी मदद की। हीरानंदानी ने कहा कि महुआ बड़ा नाम कमाना चाहती थी और इसके लिए उसने पीएम पर निशाना साधने के लिए अडाणी पर हमला करने की सोची।