तहसील बीकेटी :शिकायतों के बाद भी करोड़ों की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने में बरती जा रही गंभीर लापरवाही

  • मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत को 17 महीने से ज्यादा का बीता समय,अब तक अचरामऊ गांव में कब्जा हटाने नहीं पहुंचे अफसर
  • कार्रवाई न होने से कब्जाधारियों के बढ़े हौंसले
  • बीकेटी तहसील क्षेत्र के ग्राम अचरामऊ,मानपुर लाला व उनई मजरा हेमी का मामला

राजधानी की बख्शी का तालाब तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत अचरामऊ,उनई मजरा हेमी व मानपुर लाला पंचायत में करोड़ों रुपए की राजस्व अभिलेखों में दर्ज चरागाह,नवीन परती खलिहान व बंजर आदि बेशकीमती सरकारी जमीनों से भू – माफियाओं का कब्जा हटाने में अब तक प्रशासनिक अमला नाकाम रहा है । स्थानीय लोगों की लगातार तहसील संपूर्ण समाधान दिवस, मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद भी स्थिति जस की तस है।गांव के लोगों का कहना है,कि तहसील संपूर्ण समाधान दिवस व मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करने से भी समस्या का कोई हल नहीं निकल पा रहा है।मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल या तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत करने पर जांच अधिकारी प्रकरण की जांच किये बिना ही फर्जी निस्तारण रिपोर्ट लगाकर भेज देते हैं,और शिकायतकर्ता को न्याय नहीं मिल पाता है। जिससे अब मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और तहसील संपूर्ण समाधान दिवस से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है।
ग्राम पंचायत अचरामऊ के रामसजीवन पुत्र स्व. प्यारेलाल ने बताया कि गांव में ग्राम प्रधान द्वारा चरागाह की सरकारी जमीन गाटा संख्या 65 का रकबा 0.1480 पर काफी दिनों से कब्जाकर खेती की जा रही है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर 8 मई 2022 को शिकायत की थी।और तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में भी कई बार लिखित शिकायतें की,लेकिन अब तक प्रधान के कब्जे से सरकारी चरागाह की बेशकीमती जमीन को छुड़ाया नहीं जा सका है।इसी तरह से ग्राम पंचायत मानपुर लाला निवासी बिंद्रा प्रसाद,रामकृपाल आदि किसानों ने बताया कि हमारी ग्राम पंचायत में चरागाह की भूमि खसरा संख्या 519 क्षेत्रफल 2.1360 हे0 भूमि पर गिट्टी प्लान्ट बना हुआ है । जिससे गाँव व आसपास गाँव के गोवंशो व गौशाला के गोवंशों को चराने में काफी परेशानी हो रही है।वहीं ग्राम पंचायत में स्थापित गौशाला में संरक्षित गोवंशों के लिए हरा चारा बोने में काफी परेशानी हो रही है और गिट्टी प्लान्ट से निकलने वाला पर प्रदूषण स्थानीय नागरिकों एवं बच्चों, आम की बागों व अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है।उन्होंने बताया कि चरागाह की भूमि को खाली कराने के लिए उपजिलाधिकारी बीकेटी को 24 मार्च 2023 को लिखित शिकायती पत्र दिया था।लेकिन आज लगभग 10 महीने बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।और न ही आज तक चरागाह की बेशकीमती भूमि से कब्जा ख़ाली कराया गया।इसी क्रम में रविन्द्र कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत उनई के मजरा हेमी में ग्राम स‌माज की नवीन परती की जमीन गाटा संख्या 84 रकबा 0.280 हेक्टेयर पर गाँव के दबंग उदय प्रताप सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने 29 दिसंबर 2023 से जबरन कब्जा करके उसको बाउन्ड्री वाल से घेर रखा है, जबकि उक्त भूमि पर धारा 67 की कार्रवाई चल रही है तथा गाटा या 83 जो कि राजस्व अभिलेखों में खलिहान के रूप में दर्ज है,और उस पर भी अवैध कब्जे के सम्बन्ध में गांव के जियालाल ने उपजिलाधिकारी को एवं तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में कई प्रार्थना पत्र दिया है। जिस पर आज तक न तो जांच ही की गयी और न ही कोई कार्रवाई नहीं की गयी।उनई मजरा हेमी,अचरामऊ व मानपुरलाला गांव के सैकड़ों लोगों का कहना है कि गांव में चरागाह,खलिहान व नवीन परती आदि बेशकीमती सरकारी भूमियों को भूमाफियाओं के चंगुल से अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए गांव के लोगों ने कई बार तहसील संपूर्ण समाधान दिवस व मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें भी दर्ज करवाई हैं। लेकिन तहसील के उच्चाधिकारियों की लगातार अनदेखी से किसी मामले में अभी तक कोई सुनवाई या कार्रवाई नहीं हुई है।गांव के लोग कई बार एसडीएम और तहसीलदार विंडो से लेकर सीएम विंडो तक शिकायत दर्ज करवा चुके हैं , लेकिन सरकारी अमला अभी तक ऐसे भूमाफिया पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है। ऐसे में गांव के लोगों को न्याय मिलना संभव दिखाई नहीं दे रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि हर बार जिम्मेदार अधिकारी बदलने के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।जिससे सरकारी जमीन से अतिक्रमण नहीं हट पा रहा है।

बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में भूमाफिया के आगे बौना साबित हो रहा एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स

भू – माफियाओं द्वारा सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों एवं ऐसे अतिक्रमणकर्ताओं व भूमाफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई किये जाने,सार्वजनिक एवं निजी भूमि पर भू – माफियाओं द्वारा अवैध कब्जे के प्रकरणों में जनसामान्य को अपनी शिकायत सुगमतापूर्वक दर्ज कराने , शिकायत पर कृत कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करने ,अपना फीडबैक एवं सुझाव देने व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन शिकायतों पर की गयी कार्रवाई का सतत् अनुश्रवण किये जाने के उद्देश्य से 01 मई 2017 को प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर सूबे में ‘ एन्टी भू – माफिया पोर्टल ‘ का विकास किया गया था।और एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का भी गठन किया गया था। लेकिन जिला एवं तहसील स्तरीय अफसरों की लगातार अनदेखी से ‘ एन्टी भू माफिया टास्क फोर्स ‘ बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में भूमाफिया के आगे बौना साबित हो रहा है।

इसके जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार लगातार बैठक में मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण करने की बात कहते हैं , लेकिन उनके आदेशों को निचले स्तर पर अफसर ठेंगा दिखा रहें हैं।जिसका जीता जागता उहाहरण बीकेटी की ग्राम पंचायत अचरामऊ का है।जहां गांव के रामसजीवन के मामले में लगभग 17 महीने बाद भी अब तक स्थिति जस की तस है । बावजूद इसके जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो पाई है और न ही सुरक्षित सरकारी चरागाह की बेशकीमती भूमि से अतिक्रमण हट पाया है।चरागाह के लिए सुरक्षित इस सरकारी जमीन पर ग्राम प्रधान खेती कर रहें हैं।जबकि गांव में गोशाला में संरक्षित गायों को हरा चारा बोने के लिए भूमि सुरक्षित होने के बाद भी हरे चारे के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

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