टीनेज स्ट्रेस की वजह से हो सकते हैं कई बीमारियों का शिकार

नई दिल्ली। स्ट्रेस हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है, आपको इसका अंदाजा तो होगा ही, लेकिन क्या आपको पता है कि टीनेज में होने वाला स्ट्रेस और भी अधिक घातक साबित हो सकता है। जी हां, हाल ही में आई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि टीनेज में होने वाला स्ट्रेस आगे चलकर घातक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं क्या पाया गया इस स्टडी में और कैसे कर सकते हैं इस समस्या से बचाव।

क्या पाया गया स्टडी में?

हाल ही में जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में आई एक स्टडी के मुताबिक, टीनेज में होने वाले स्ट्रेस की वजह से आगे चलकर, कार्डियोमेटाबॉलिक डिजीज का शिकार हो सकते हैं। इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने 2003 से 2014 तक साउथ कैलिफोर्निया चिल्ड्रन हेल्थ स्टडी के 276 प्रतिभागियों के हेल्थ डाटा और 2018 से 2021 तक फॉलो-अप जांच का विश्लेषण किया। इन प्रतिभागियों के स्ट्रेस को मांपने के लिए उनके बचपन, टीनेज और शुरुआती एडल्ट हुड में, प्रश्नावली की मदद ली गई और पाया गया कि जिन वयस्कों को अधिक तनाव था, खासकर, जिन्हें टीनेज में भी ज्यादा स्ट्रेस था, उनमें कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियों का जोखिम अधिक होता है। इस स्टडी से इस बात को समझा जा सकता है कि स्ट्रेस मैनेजमेंट कितना आवश्यक होता है।

टीनेज में अक्सर शरीर और हार्मोन्स में हो रहे बदलावों की वजह से, वे काफी उधेड़-बुन में रहते हैं। उस पर पढ़ाई की चिंता, दोस्तों से बराबरी करने की होड़, सोशल मीडिया की चका-चौंध वाली दुनिया, उनके जीवन को काफी प्रभावित करती हैं। इन वजहों से, वे अक्सर तनाव का शिकार हो जाते हैं, जो न केवल उनके शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है। इसलिए यह काफी जरूरी है कि इस स्ट्रेस को कम करने के तरीके उन्हें सिखाए जाएं। इन तरीकों से कर सकते हैं स्ट्रेस मैनेज-

आवश्यकता जितनी सुकून की नींद- टीनेज में अक्सर बच्चे रात को अधिक देर तक जागते हैं, जिस कारण से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। इसके पीछे पढ़ाई, दोस्तों से बात-चीत या सोशल मीडिया स्क्रॉल करने जैसे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से स्ट्रेस हार्मोन काफी अधिक बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि उनकी नींद पूरी हो। वे इस बात को ज्यादा महत्व नहीं देते, लेकिन आप उन्हें इसकी अहमियत के बारे में समझाने की कोशिश कर सकते हैं।

बात करें- अक्सर टीनेज में बच्चे यह नहीं समझ पाते कि उन्हें अपने दिल की बात किसके साथ शेयर करनी चाहिए, जो उन्हें जज किए बिना, उनकी बात को समझ सके। उनके साथ कई चीजें ऐसी हो रही होती हैं, जो वे पहली बार अनुभव कर रहे होते हैं। इस कारण से वे तनाव में रहते हैं। इसलिए उनकी मदद करने के लिए अपने घर में ऐसा माहौल बनाएं कि वे उसे अपना सेफ स्पेस समझें और अपनी बातों को खुल कर शेयर कर सकें। अगर सभी के साथ नहीं भी तो कोई एक ऐसा व्यक्ति घर में हो, जो इन चीजों से डील करने में उनकी मदद कर सके।

फन टाइम- आमतौर पर, टीनेजर्स पर पढ़ाई करने के लिए ज्यादा प्रेशर डाला जाता है और इस वजह से वे अपनी हॉबी को फॉलो नहीं कर पाते और दबाव में रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी बड़ों की तरह टीनेजर्स को भी ब्रेक की जरूरत होती है। इस समय वे अपनी पसंद का काम कर सकते हैं, जैसे- कोई स्पोर्ट खेल सकते हैं, म्यूजिक सुन सकते हैं, दोस्तों के साथ घूमने जाना आदि। इससे उनका मानसिक तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।

एक्सरसाइज- एक्सरसाइज करना न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। एक्सरसाइज करने से कॉर्टिसोल की मात्रा बढ़ती है, जो तनाव को बढ़ाता है। इसलिए बच्चों को रोज थोड़ी देर एक्सरसाइज करने की सलाह दें।

प्रोफेशनल मदद लें- अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चा तनाव का शिकार है और उसे मैनेज नहीं कर पा रहे हैं, तो प्रोफेशनल मदद लेना काफी फायदेमंद हो सकता है।

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