नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने सिंगुर-नैनो प्रोजेक्ट केस जीत लिया है। तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण से आज कंपनी के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला आया। मध्यस्थता पैनल ने कहा कि टाटा मोटर्स पश्चिम बंगाल से 766 करोड़ रुपए वसूलने का हकदार है। पैनल ने कहा कि बंगाल सरकार को सिंगूर में अपनी नैनो फैक्ट्री को बंद करने के लिए टाटा मोटर्स को सितंबर 2016 से 11 प्रतिशत ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का भुगतान करना होगा।
बता दें कि सिंगूर में टाटा मोटर्स के नैनो प्लांट को ममता बनर्जी से पहले की वामपंथी सरकार ने अनुमति दी थी। इसके तहत बंगाल की जमीन पर ‘नैनो कार के उत्पादन के लिए कारखाना स्थापित किया जाना था। तब ममता बनर्जी विपक्ष में थीं और वामपंथी सरकार की नीतियों के खिलाफ थीं। इस मुद्दे ने ममता बनर्जी को सत्ता में आने में मदद की थी। ममता बनर्जी ने सत्ता में आते ही कानून बनाकर सिंगूर की करीब 1000 एकड़ जमीन उन 13 हजार किसानों को लौटाने का फैसला किया, जिनसे अधिग्रहण किया गया था।
इस फैसले की जानकारी देते हुए टाटा मोटर्स ने कहा- तीन सदस्यीय पंचाट न्यायाधिकरण ने टाटा मोटर्स लिमिटेड (टीएमएल) के पक्ष में फैसला सुनाया है। टीएमएल अब प्रतिवादी पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) से 11त्न प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपये की राशि वसूलने की हकदार है। बता दें कि डब्ल्यूबीआईडीसी पश्चिम बंगाल सरकार के अधीन है।