ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे

विकास से नाम पर ग्रामीण अपने को ठगा महसूस कर रहे

बीकेटी लखनऊ| ग्राम पंचायत चंदाकोडर में आजादी के इतने साल बाद भी यह गांव विकास के लिए तरस रहा है यहां पर कच्ची नालियां कच्चे मार्ग यहां की सूरत व दशा का बयां कर रहे हैं।
इस गांव के राम सत्रोहन राखी मिश्रा प्रभु दयाल शुभी राधेलाल कमलेश पप्पू देशराज तथा अन्य नागरिकों ने प्रधान पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस गांव के कच्चे मार्ग टूटी फूटी नालियां बिखरा हुआ कूड़ा करकट और सफाई के नाम पर गंदगी का साम्राज्य इस गांव के विकास की पोल खोलती है। यहां पर एक खामी हो तो गिनाई जाए यह गांव अव्यवस्था का शिकार बना हुआ है।
आजादी के 77 वर्ष बाद आज भी इस गांव की सूरत तक नहीं बदल पाई कच्चे मार्ग और मार्गों पर घरों का बहता हुआ गंदा पानी नागरिकों के लिए जान का जंजाल बना हुआ है बुजुर्ग रात में कीचड़ में फिसल कर गिर जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं इतना ही नहीं यहां पर कूड़े के ढेरों का जमावड़ा है जिससे बदबू दुर्गंध आती रहती है इससे कोई भी संचारी रोग फैल सकता है जो नागरिकों के लिए मौत का कारण बन सकता है।
विडंबना इस बात की है की सत्ता का विकेंद्रीकरण होने के बावजूद भी पंचायत विकास से कोसों दूर है पंचायत के सचिव व प्रधान विकास के गीत गाते नहीं थकते हैं पर हकीकत इससे कोसों दूर है आज भी यहां के नागरिक विकास का दुखड़ा रोया करते हैं जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी बीकेटी पूजा पांडे से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा इसकी जांच करवाई जाएगी तथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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