जिला दिव्यांग आइकॉन तथा बंशगोपाल राष्ट्रीय पुनर्वास ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष से अभद्रता, एआरएम से शिकायत
आज बंशगोपाल राष्ट्रीय पुनर्वास ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश कुमार पटेल अपनी मौसी को दिखाने के लिए मेडिकल कॉलेज लखनऊ ले गए थे। जहा से वापसी में बाराबंकी आने के लिए कैसरबाग बस स्टॉप पर बाराबंकी आने के लिए खड़ी बस यूपी 41 एटी 8856 में दिव्यांग आइकॉन नागेश, मौसी और मां को खाली आगे सीट पर बैठा दिया। जिसके बाद कुछ सामान लेने के लिए नीचे उतर आए। तब ड्राइवर आके मरीज और इनकी मां को पीछे जाके बैठने के लिए कहते हैं जबकि पीछे सीट खाली नहीं थी तब तक पटेल भी आ गए और उन्होंने चालक से कहा बैठने दीजिए कोई दिक्कत नही होगी आपको मरीज है। थोड़ा सहयोग कीजिए जिस पर परिचालक तीव्र आवाज में पटेल से कहा की तुम चालक को परेशान करते हो जबकि चालक परिचालक से पहली ही मुलाकात थी। नागेश ने परिचालक सुरेन्द्र से समस्या बताते हुए संवेदनशील होंकर सहयोग को कहा तब परिचालक और ज्यादा बिगड़ गए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा हम किसी का ठेका नही लिए है नीचे उतरो बाकी जो करना हो कर लेना, जब पटेल ने सुरेंद्र से कहा कि ये ठीक नही है अधिकारियों के संज्ञान में लाएंगे आपकी कार्यशैली जिस पर परिचालक ने बहुत ही गंदे शब्दों का प्रयोग किया जिसको नही लिखा जा सकता। अगर सार्वजनिक सेवा में ऐसे असंवेदनशील लोग रहेंगे तो कमजोर के साथ ऐसा ही होगा। पटेल ने विवाद को रोकने के लिए अपनी मां और मौसी को बस से उतार कर बाद में आई दूसरी बस में बिठा दिया। कैसरबाग सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से शिकायत की तो उन्होंने कहा की यह बाराबंकी डिपो से संबंधित है इसलिए इसकी शिकायत वही होगी। उन्होंने बाराबंकी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीमती सुधा का नंबर दिया जिस पर पटेल ने समस्या बताते हुए परिचालक और चालक की कार्यशैली के बारे में बताया जिस पर उन्होंने लिखित शिकायत मांगी जिसे पटेल ने बाराबंकी जाकर दिया।
बताते चले की नागेश पटेल अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्ठ यूथ आइकन अवार्ड 2022, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2023 तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रेरणास्रोत 2020 से पुरस्कृत होने के साथ ही जिला के निर्वाचन विभाग द्वारा जिला के दिव्यांग आइकॉन नामित है। नागेश पटेल जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति के सदस्य है जो समिति दिव्यांगोंजनों के साथ दुर्व्यवहार पर शिकायत और समाधान का कार्य करती है। पटेल ने अपनी शिकयत में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत कठोरतम कार्यवाही किए जानी की मांग की है। जिस पर एआरएम सुधा ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है। किंतु देखना यह है की इस परिचालक और चालक पर क्या विभाग कोई कार्यवाही करता भी है कि नही?