नई दिल्ली। सुमित नागल ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024 के पुरुष सिंगल्स के दूसरे दौर में जगह बनाकर इतिहास रच दिया। नागल ने मंगलवार को वर्ल्ड नंबर-27 कजाकस्तान के एलेक्सेंडर बबलिक को सीधे सेटों में 6-4, 6-2, 7-6 के अंतर से मात दी।
सुमित नागल ने तीन साल बाद ग्रैंड स्लैम इवेंट के दूसरे दौर में जगह बनाई। इससे पहले वो यूएस ओपन 2020 के दूसरे राउंड में पहुंचे थे। इसके अलावा सुमित नागल किसी ग्रैंड स्लैम इवेंट में वरीय खिलाड़ी को मात देने वाले 35 साल में भारतीय टेनिस खिलाड़ी बने।
बड़ी चुनौतियों को पार करके पहुंचे नागल
सुमित नागल से पहले 1989 में रमेश कृष्णन ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में मैट्स विलेंडर को मात दी थी। याद दिला दें कि नागल ने क्वालीफायर्स के जरिये ऑस्ट्रेलियन ओपन के प्रमुख ड्रॉ में जगह बनाई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) की तरफ से वाइल्डकार्ड नहीं मिला था।
नागल अब किससे भिड़ेंगे
सुमित नागल का दूसरे दौर में मुकाबला चीनी वाइल्डकार्ड जनचेंग शांग और मैकेंजी डोनाल्ड के विजेता से होगा। 26 साल के नागल ने बबलिक के खिलाफ अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। नागल की रैंकिंग 137 है और उनसे 110 स्थान आगे बबलिक हैं, जिनकी रैंक 27 है।
भारतीय खिलाड़ी का शानदार प्रदर्शन
भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने बबलिक के खिलाफ शुरुआत से शानदार प्रदर्शन किया। वो सर्विस ब्रेक करने तक पहुंचे, लेकिन बबलिक ने वापसी करके इसे 1-1 से बराबर कर दिया। हालांकि, नागल ने सेट में दो और ब्रेक करके जल्द ही 4-1 की बढ़त बनाई। नागल ने जल्द ही सेट अपने नाम किया।
दूसरे सेट में नागल ने जल्दी ब्रेक करके 1-0 की बढ़त बनाई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तीसरे सेट में नागल ने एक बार फिर ब्रेक हासिल किया। आखिरी सेट में नागल 5-4 से आगे थे। नागल के पास सेट और मैच अपने नाम करने का मौका था, लेकिन बबलिक ने सर्विस ब्रेक करने में कामयाबी हासिल करके मैच टाई ब्रेकर में बढ़ा दिया।
नागल ने जीता मुकाबला
टाई-ब्रेकर में नागल ने 6-3 की बढ़त बना रखी थी। भारतीय टेनिस खिलाड़ी ने तीन मैच प्वाइंट हासिल किए, लेकिन बबलिक ने दो प्वाइंट बचाकर मुकाबला रोमांचक बना दिया। अंत में नागल मैच जीतने में सफल रहे। बबलिक ने 9 डबल फॉल्ट और 44 अनफोर्स्ड एरर किए, जो उनकी हार की प्रमुख वजह रहा।
वहीं, उन्होंने 41 विनर्स लगाए, जो कि नागल से 12 ज्यादा थे व 13 ऐस लगाए। मगर यह बबलिक के नागल से आगे निकलने के लिए काफी नहीं थे।