सफलता कभी संसाधन की मोहताज नहीं होती- शिवा सिंह

सूरतगंज बाराबंकी। ब्लॉक रामनगर इलाके के सिरकौली गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना का एक विशेष शिविर राज्य स्तरीय अध्यापक पुरस्कार प्राप्त विवेक मिश्रा की अगुवाई में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रामनगर डिग्री कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। शिक्षा के प्रति छात्र – छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए
डायनामाइट शिक्षण संस्थान अलीगंज लखनऊ के जीएस विशेषज्ञ शिवा सिंह राठौर ने कहा कि सफलता के लिए संसाधन नहीं जुनून की जरूरत है, सफलता कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं रही। आगे उन्होंने ग्रामीण अंचल के छात्रों से कहा कि तुम्हे निराश होने की जरूरत नहीं है आर्थिक कमजोरी के चलते यदि कोई छात्र -छात्रा पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो डायनामाइट संस्थान सत प्रतिशत कमजोर बच्चों का सहयोग करने के लिए 24 घंटे तत्परपर है, यदि आप अपने गांव में रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो भी आपको ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी सहयोग दिया जाएगा।

बस आपको अपने नेक इरादों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। दो पंक्तियों के माध्यम से छात्रों में उन्होंने जोश भरते हुए कहा – सेनानी करो प्राण अभय भावी इतिहास तुम्हारा है, ये नखत अमा के बुझते हैं सारा आकाश तुम्हारा है। यह पंक्तियां छात्रों को खूब भाई और तालियों की गड़गड़ाहट से विद्यालय गुंजायमान हो उठा। डायनामाइट संस्थान के हिंदी विशेषज्ञ अंशुल विद्यार्थी ने कहा मुश्किलें कितनी भी आए राहों में इतिहास वही लिखते हैं जो कठिनाइयों से गुजरते हैं। आगे उन्होंने छात्रों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ जो छात्र दृणनिश्चयी होकर अपनी मंजिल को पाने की कोशिश करते हैं उन्हें एक न एक दिन सफलता जरुर हासिल होती है हमारे समाज इसके हजारों उदाहरण विद्यमान हैं। रामनगर डिग्री कॉलेज के प्रवक्ता डॉ रामकुमार सिंह ने कहा कि सफलता हमेशा उन लोगों के कदम चूमती है जो निरंतर अपनी मंजिल की ओर एकाग्र होकर प्रयास करते हैं। परिषदीय विद्यालय महादेवा के शिक्षक उपेंद्र सिंह नादान ने कहा कि इतिहास हमेशा कठिनाइयों में पले छात्र ही लिखते हैं चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाले लोग तो सिर्फ हवाई यात्रा करते रहते हैं। कार्यक्रम का कुशल संचालन संदीप कुमार ने किया। इस दौरान सैकड़ों छात्र – छात्राओं के साथ अभिभावकगण मौजूद रहे। कार्यक्रम आयोजन विवेक मिश्रा ने सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया।

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