आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी शिक्षा भी मिलेगी

गांधीनगर। गुजरात में खुलने जा रहे आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय में छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा के साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी शिक्षा भी मिलेगी। अगले साल जनवरी से गुजरात के गिफ्ट सिटी में अपने कैंपस शुरू करने जा रहे डेकिन और बोलोगोंग विश्वविद्यालयों ने अपने भविष्य के रोडमैप को मंगलवार को साझा किया और बताया कि भारत में खुलने वाले उनके दोनों ही विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले अस्सी प्रतिशत शिक्षक भारतीय होंगे, जबकि 20 प्रतिशत अन्य शिक्षक आस्ट्रेलिया सहित दूसरे देशों से होंगे।

शिक्षकों में बड़ी संख्या में भारतीय
इस बीच बोलोगोंग विश्वविद्यालयों ने बताया कि आस्ट्रेलिया के अतिरिक्त भी कई देशों में उनके पहले से कई कैंपस संचालित हो रहे है। इनमें भी पढ़ाने वाले शिक्षकों में बड़ी संख्या में भारतीय है। जो देश आना चाहते है। इस बीच गांधीनगर के पास स्थित गिफ्ट सिटी में खुलने जा रहे दोनों आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों की प्रगति को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उनके आस्ट्रेलियाई समकक्ष जेसन क्लेयर एमपी ने जांचा।

दोनों विश्वविद्यालयों की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है। इस दौरान दोनों ही विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद थे। पत्रकारों से चर्चा में दोनों ही विश्वविद्यालयों के कुलपति ने बताया कि शुरुआत में अभी सिर्फ मास्टर और पीएचडी के कोर्स शुरू होंगे। जिसमें अभी सिर्फ डेढ़ सौ छात्रों को ही दाखिला दिया जाएगा। इसके बाद जैसे-जैसे ही मांग बढ़ेगी वह इसकी क्षमता को विस्तार देंगे।

इसके साथ ही दोनों विश्वविद्यालयों ने स्किल से जुड़े कोर्स यानी कंप्यूटर साइंस व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि की पढ़ाई भी शुरू करने के संकेत दिए है। दोनों ही आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने इस दौरान गिफ्ट सिटी में ही आरंभ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका उदेश्य लोगों को यह बताना था कि वह भारत में, भारत के लिए और भारत के साथ मिलकर ही काम करेंगे।

देशों के रिश्तों होंगे मजबूत
कार्यक्रम को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी संबोधित किया और कहा कि देश में आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों का खुलना भारतीय छात्रों के लिए एक उपहार है। क्योंकि अब उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए देश से बाहर नहीं जाना होगा। इसके साथ ही यह एनईपी की सिफारिशों को भी अपनाएंगे। इस दौरान आस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री क्लेयर ने भारत के यह शैक्षणिक साझेदारी दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाएंगी।

भारत-कनाडा के रिश्ते पर टिप्पणी से इंकार
इस दौरान भारत के कनाडा के साथ रिश्तों में खटास आने के बाद भारतीय छात्रों के आस्ट्रेलिया की तरफ शिफ्ट होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र यदि आस्ट्रेलिया में पढ़ने के लिए आना चाहते है तो उनका स्वागत है। हालांकि, उन्होंने भारत-कनाडा के बीच की खटास पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इन्कार किया।

Related Articles

Back to top button