विद्यालय मे पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को भूखे रहकर करनी पड़ रही है पढ़ाई

बिसवां सीतापुर| भूखे भजन न होय गोपाला यह लो आपन कंठी माला, यह कहावत है जो आज कल बेसिक शिक्षा विभाग पर सटीक बैठती है। प्राथमिक विद्यालय मे पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को भूखे रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।बताते चले सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों मे शिक्षा ग्रहण करने आने वाले बच्चों के लिए मध्यान भोजन योजना संचालित कर रही है।ताकि विद्यालय मे पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं को गरमा गरम भोजन उपलब्ध कराया जा सके।वर्तमान समय मे मध्यान भोजन योजना ब्लाक बिसवां और सकरन् मे बेपटरी है।भोजन के लिए खाद समग्री (गेहूं चावल) पर्याप्त मात्रा मे नही मिल पा रही है।बताते चले बेसिक शिक्षा विभाग मे बनने वाले भोजन के लिए गेहूं चावल की सफलाई खाद विभाग के जुम्मे है ।यह समग्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन कोटे की दुकान के माध्यम से स्कूल तक पहुँचता है।उसके उपरांत विद्यालयों मे ग्राम पंचायत या विद्यालय के प्रधानाध्याक की देख रेख मे रसोइयो के द्वारा भोजन तैयार कर विद्यालय मे छात्र और छात्राओं को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। वही सकरन ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भिठमनी मे बीते उन्नीस दिनों से छात्र और छात्राओं को भोजन नही मिल रहा है। विद्यालय मे कुल दो सौ एक्कीस पंजीकृत है।विद्यालय मे प्रतिदिन साठ से सत्तर प्रतिशत छात्र और छात्राओं की प्रतिदिन उपस्थिति रहती है।

छात्र और छात्राओं को भूखे रहकर पढ़ाई कराई जा रही है।जानकारी के अनुसार छात्र और छात्राओं की उपस्थित के सापेक्ष गेहूं और चावल नही मिल पा रहा है । जिसके चलते मध्यान भोजन बच्चों को नही मिल पा रहा है ।बच्चों को भूखे पेट घर लौटना पड़ रहा है।कमोबेश ऐसी ही स्थिति प्राथमिक विद्यालय शहरी सारांय की है यहां भी खाद समग्री के आभाव मे छात्र और छात्राओं को मानक के अनुरूप मिलने मे समस्या है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार ने स्कूल चलो अभियान और प्रत्येक बच्चे का शिक्षित करने हेतु विद्यालय मे नामांकन और सत प्रतिशत उपस्थिति के लिए चले अभियान के करण विद्यालयों मे नामांकन के साथ साथ उपस्थिति भी छात्र और छात्राओं की बढ़ी ।उपस्थिति के सापेक्ष गेहूं चावल का आवंटन न होने से कोटेदारों को राशन नही मिल पा रहा है जिसके चलते नौनिहालो को भोजन नही मिल पा रहा है।

बोली प्रधानाध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय भिठमनी की प्रधानाध्यक पूनम वर्मा कहती है राशन न होने से भोजन हमारे बच्चों को नही मिल पा रहा है ।राशन न आने से कोटेदार ने मना कर दिया छ कुंतल राशन माइनस मे है।वही शहरी सारांय प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक ने कहा पांच कुंतल राशन हमारे यहां भी माइनस मे ज्यो त्यो बच्चो को भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है।

नही उठा फोन-
खंड शिक्षा अधिकारी सकरन को फोन किया उनका फोन बंद था ,उनका पक्ष नही लिखा जा सका।

Related Articles

Back to top button