अभिजीत मुहुर्त में मां के भक्त करेंगे कलश स्थापना
बासंतिक नवरात्र के पहले दिन भक्त करेंगे शैलपुत्री का पूजन
नवरात्र पूजन की खरीदारी को लेकर बाजार में उमड़ी भीड़
जिले के प्रमुख 13 देवी मंदिरों पर उमड़ती है भीड़
बासंतिक नवरात्र व हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की होती है शुरुआत
बलिया। बासंतिक नवरात्र एवं हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ हो रहा है। जिसकी तैयारी नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के देवी मंदिरों और घरों में साफ सफाई एवं रंग रोगन का कार्य पूरे दिन चलता रहा। इस दौरान देवी मंदिरों को प्राकृतिक व अप्राकृतिक फूलों से सजाया गया। मां के भक्तों के दर्शन व पूजन के लिए जिले के प्रमुख 13 देवी मंदिरों के गेट चार बजे भोर से खोल दिए जाएंगे। उधर पूजन की तैयारी को लेकर श्रद्धालु नारियल, चुनरी, फूल माला, प्रसाद खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ पड़े। जिससे दुकानदारों के चेहरे खिलखिला गए। वहीं देवी मंदिरों के आसपास भी नारियल, चुनरी, प्रसाद आदि की दुकानें सजकर तैयार है। इसके अलावा सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए है। मां के भक्त शुभ मुहुर्त में कलश की स्थापना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे।
नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बासंतिक नवरात्र को लेकर श्रद्घालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। नवरात्र के पहले दिन मां के भक्त नगर के गुदरी बाजार व जापलिनगंज दुर्गा मंदिर तथा ब्रह्माइन स्थित ब्राह्मणी देवी, शंकरपुर स्थित शांकरी भवानी, फेफना थाना के कपूरी गांव स्थित कपिलेश्वरी भवानी मंदिर, नरहीं थाना के कोरंटाडीह स्थित मंगला भवानी, रसड़ा के काली मंदिर, नीबू कबीरपुर व उचेड़ा स्थित चंडी भवानी, सिकंदरपुर के जल्पा-कल्पा मंदिर, मनियर के बुढ़ऊ बाबा मंदिर व नवका बाबा मंदिर, रेवती के पचरूखा देवी गायघाट मंदिर पर मां के भक्तों ने नारियल, चुनरी, प्रसाद चढ़ाकर परिवार के मंगलमय की कामना करेंगे। वही अपने-अपने घरों में मां की अराधना में कलश स्थापना अभिजीत मुहुर्त में कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे। सोमवार की सुबह से ही पूजन की तैयारी को लेकर श्रद्धालु नारियल, चुनरी, फूल माला, प्रसाद खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ पड़े। जिससे दुकानदारों के चेहरे खिलखिला गए।
सामग्री मूल्य (किग्रा/ पाकेट)
पेठा 80 से 100
रामदाना 20 पैकेट
लाचीदाना 80
बताशा 100
बादाम पट्टी 40 पीस
रेवड़ी 120
मिश्री कटिंग 80
अमावट 20 से 40 पैकेट
चुनरी 20 से 100
माला 5 से 60
नारियल 35 से 50
प्लास्टिक फूल माला 35 से 50
ह्वेनसांग की डायरी में है मां मंगला भवानी का जिक्र
बलिया। नरही थाना क्षेत्र के कोरंटाडीह पुलिस चौकी के ठीक सामने नसीरपुर मठ गांव के पखनपुरा मौजा में मोक्षदायिनी गंगा के उत्तरी तट पर स्थित मां मंगला भवानी का भव्य मंदिर छठी शताब्दी से पहले का है। इस मंदिर के प्राचीनता का उल्लेख हुए बलिया के जिलाधिकारी रहे हरिसेवक राम ने अपनी पुस्तक बलिया एक दृष्टि में लिखा है कि चीनी यात्री ह्वेनसांग पटना जाते समय अपनी समय अपनी यात्रा डायरी में मां मंगला भवानी का जिक्र किया है। किंवदंती है कि 1876 से पहले जब यह स्थान गाजीपुर जिला हुआ करता था, उस समय कोरंटाडीह को तहसील बनाया गया था। तहसील के निर्माण कार्य में यह मंदिर बाधक बन रहा था। इस लिए अंग्रेज अधिकारी ने मंदिर तोड़वा कर जिस पत्थर को लोग पूजते थे, उसे बगल में स्थित गंगा नदी में फेंकवा दिया। एक सप्ताह के अंदर ही उस अंग्रेज अधिकारी के बेटे की मौत हो गई। दूसरी तरफ उनके अस्तबल के घोड़े मरने लगे। एक रात अंग्रेज अधिकारी को स्वप्न में दिखा कि तुमने जो पत्थर गंगा नदी में फेंकवाया है, उसे तत्काल लाकर यथास्थान स्थापित करवाओं, अन्यथा तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा। इसके बाद अंग्रेज अधिकारी ने गंगा नदी से निकलवाने के बाद यथास्थान स्थापित कराया। कहा जाता है कि गंगा नदी से पत्थर की मूर्ति निकालने वाले बगल के गांव उजियार के दरगाही यादव थे, जो पास ही अपनी गाय चरा रहे थे। इसके बाद अंग्रेज अधिकारी को कष्ट से मुक्ति मिली। इधर चार दशकों से मंगला भवानी मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी। पुजारी विद्यासागर पांडेय ने बताया कि बासंतिक व शारदीय नवरात्र में बिहार गाजीपुर और अपने जिले से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और उनकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।