महिला अस्पताल के भ्रष्टाचार में लिप्त डाॅक्टरों, स्टॉफ की डीएम ने कराई जांच

लेबर रुम,एसएनसीयू में भ्रष्टाचार चरम पर कमिश्नर दिए जांच के आदेश, कार्रवाई तय

बदायूं। जिला महिला अस्पताल में सामान्य डिलीवरी में प्रसूताओं से चार हजार और सीजेरियन ऑपरेशन के लिए सात हजार रुपये वसूलने की शिकायत रोज मरीजों मिल रही है। महिला अस्पताल में इस तरह की खामियां नजर आई है। युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने 12 नवंबर को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल को शिकायती पत्र दिया था, जिसमें महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टरों पर प्रसव के नाम पर रिश्वत लेने और निजी अस्पताल चलाने, गर्भवती महिलाओं को डरा-धमका कर प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाने के लिए मजबूर करने की शिकायत कमिश्नर से की गई थी।
डीएम ने डीआरओ जीत सिंह को जांच सौंपी है। गुरुवार को डीआरओ ने महिला अस्पताल पहुंचकर सीएमएस से समस्त डाक्टरों स्टॉफ की लिस्ट तलब कर ली है। जल्द ही जांच के बाद रिपोर्ट डीएम को सौप दी जाएगी।

हमारी टीम ने पीएनसी वार्ड जाकर मरीजों की मुलाकात

पीएनसी वार्ड में पत्रकारों की टीम ने तीन मरीजों से मुलाकात कर उनका दुख-दर्द जाना है। पूछने पर मरीजों ने बताया कि दवा अंदर से मिल रही है, लेकिन डिलीवरी और एसएनसीयू में भर्ती होने पर डरा धमका कर रुपए वसूल किए जा रहे है वार्ड में पहुंचते ही लेबर रूम एसएनसीयू की सारी पोल पट्टी खुल गई।
अस्पताल के अंदर लेबर रूम में शहर की दो महिलाओं का सामान्य प्रसव करने के लिए एक से चार हजार दूसरी से ढ़ाई हजार रुपये घूस मांगने का प्रसूता ने आरोप लगाया। महिलाओं के घर वालों का आरोप है कि अस्पताल के स्टॉफ ने आपरेशन के लिए सात हजार रुपये की डिमांड की थी पीड़ित का कहना है कि स्टॉफ ने साफ तौर पर कहा था कि सात हजार रुपये दीजिए तो मां-बच्चा सुरक्षित मिलेगा। रुपया नहीं दिया तो हमारी जच्चा बच्चा की कोई गारंटी होगी।
अस्पताल लेबर रूम में स्टॉफ एक मरीज ने पैथोलॉजी में भी जांच के नाम पर चार हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगाया है।
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ इंदुकांत वर्मा

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