बाराबंकी। मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में लखनऊ के रहने वाले गवाह संजय मिश्रा को पुलिस ने मंगलवार की दोपहर विशेष सुरक्षा में न्यायालय पर पहुंचाकर गवाही कराई। विशेष सुरक्षा व्यवस्था पुलिस ने इसलिए कर रखी थी, क्योंकि गवाही देने पर मुख्तार के गुर्गों ने संजय मिश्रा को जान से मारने की धमकी दी थी।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) विपिन यादव के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन अधिकारी नीतू सिंह ने बताया कि गवाह संजय मिश्रा साक्ष्य के लिए कोर्ट में पेश हुए, जहां बचाव पक्ष के वकील ने पूर्व की शेष प्रति परीक्षा (जिरह) पूर्ण की।
वहीं, अन्य साक्ष्य के लिए कोर्ट ने 14 मार्च की तारीख तय की है। गवाह संजय कुमार उर्फ संजय मिश्रा मेसर्स मोटर एंड जनरल सेल्स प्राइवेट लिमिटेड 11 एमजी मार्ग, हजरतगंज लखनऊ के मुख्य कार्यकारी निदेशक हैं। इनके पास कई कंपनियों के वाहनों की डीलरशिप है। लालबाग लखनऊ के नावेल्टी सिनेमा भी इनका एक उपक्रम है।
पुलिस ने चार्जशीट में संजय मिश्रा को बनाया था गवाह
वर्ष 2013 में उनकी कंपनी ने एक एम्बुलेंस (टाटा विंगर) श्याम संजीवनी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की मालकिन डा. अलका राय के नाम से बेचा था, जिसका रजिस्ट्रेशन मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे शाहिद अंसारी उर्फ अली मोहम्मद जाफरी ने कूटरचित दस्तावेज (पहचान पत्र) के आधार पर डा. अलका राय के नाम आरटीओ कार्यालय बाराबंकी में कराया था, जिसका प्रयोग मुख्तार अंसारी द्वारा किया जाता था।
इस मामले की रिपोर्ट तत्कालीन आरटीओ पंकज सिंह ने थाना कोतवाली नगर में दर्ज कराई थी। पुलिस को विवेचना के दौरान संजय मिश्रा के बारे में जानकारी हुई। तब संजय मिश्रा ने विवेचना में सहयोग किया था।
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में उन्हें गवाह बनाया। 19 अक्टूबर 2023 को शाहिद अंसारी उर्फ अली मोहम्मद जाफरी व एक अन्य ने संजय मिश्रा के नावेल्टी सिनेमा स्थित होंडा कार शोरूम पहुंचकर एंबुलेंस पंजीकरण मामले में गवाही देने पर जान से मार देने की धमकी दी थी।
संजय मिश्रा ने धमकी से परेशान होकर पुलिस के उच्च अधिकारियों से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। ऐसे में पुलिस उन्हें विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ अदालत पर ले गई। पुलिस बल के साथ सीओ सदर सुमित त्रिपाठी, नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, न्यायालय सुरक्षा के प्रभारी राम कृष्ण राना मौजूद रहे।