नई दिल्ली। अयोध्या में तीर्थ यात्रियों के आवागमन में वृद्धि को देखते हुए रेलवे द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है। स्टेशनों को सजाया जा रहा है। सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। रेल मंत्रालय का मानना है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के विभिन्न भागों से अयोध्या आने-जाने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन 80 हजार से एक लाख तक हो सकती है। अभी यह संख्या प्रतिदिन 24 से 25 हजार है। भविष्य को देखते हुए कोने-कोने से अयोध्या को विशेष रेल कनेक्टिविटी देने की तैयारी है।
यहां से भी रहेगी ट्रेन की व्यवस्था
रेलवे का प्रयास विभिन्न राज्यों एवं शहरों से अयोध्या तक सहज-सुगम एवं सुरक्षित ट्रेन संपर्क देने का है। लखनऊ, गोरखपुर, पटना, बनारस एवं दिल्ली से अयोध्या रेल मार्ग पर विशेष दबाव होगा। अयोध्या से जनकपुर धाम रूट पर भीड़ बढ़ने वाली है, क्योंकि अयोध्या आने वाले यात्रियों की श्रीराम सर्किट के अन्य तीर्थस्थलों में भी जाने की कोशिश होगी।
स्पेशल ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था
यात्रियों की सुविधा के लिए सबसे पहले अयोध्या एवं उसके आसपास के रेलवे स्टेशनों की क्षमता बढ़ानी होगी। अभी अयोध्या में चार रेलवे स्टेशन हैं, जहां से प्रतिदिन 80 जोड़ी ट्रेनें आती-जाती हैं। यात्रियों की संख्या के हिसाब से स्पेशल ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था भी की जाएगी। अयोध्या के सभी चारों स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है।
40 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनें
अभी अयोध्या धाम के अलावा पास के स्टेशन अयोध्या कैंट, सालारपुर एवं दर्शन नगर स्टेशनों को युद्ध स्तर पर सुसज्जित करने काम किया जा रहा है। अभी सबसे ज्यादा भीड़ अयोध्या कैंट स्टेशन पर होती है, जहां रोजना 40 जोड़ी से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं। लेकिन, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ सकती है।
यात्रियों के लिए सुविधा
इसे देखते हुए उत्तर रेलवे की ओर से पहले ही अयोध्या धाम स्टेशन के प्लेटफार्मों की संख्या तीन से बढ़ाकर छह कर दी गई है। स्टेशनों में रेलवे की ओर से कैटरिंग, टिकट स्टाल, पानी की सुविधा, टायलेट, हेल्प डेस्क, मेडिकल बूथ खोले जा रहे हैं। सभी चारों स्टेशनों पर हेल्प डेस्क एवं खोया-पाया काउंटर बनाए जा रहे हैं। रेलवे का प्रयास है कि यात्रियों को स्टेशन पर ही अयोध्या के बारे सारी जानकारी मिल जाए।