नई दिल्ली। गंगा एक्सप्रेसवे अपने पहले फेज में 594 किलोमीटर लंबा होगा और ये पूर्वी यूपी में मेरठ और राज्य के पश्चिमी हिस्से में प्रयागराज को जोड़ेगा। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में कुंभ मेले के दौरान गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की थी। आइए, इसके बारे में जान लेते हैं।
4 जनवरी से हो सकता है शुरू
गंगा एक्सप्रेसवे इस साल 14 जनवरी से होने वाले आगामी महाकुंभ त्योहार से पहले चालू हो सकता है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को 31 दिसंबर तक गंगा एक्सप्रेसवे को चालू करने के लिए समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया था। एक बार पूरा होने और उपयोग के लिए खोले जाने के बाद, एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे लंबा 6-लेन एक्सप्रेसवे बन जाएगा। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। एक्सप्रेसवे की डिजाइन गति 120 किमी प्रति घंटे होगी, जबकि यात्रा की गति 100 किमी प्रति घंटे होगी। उम्मीद है कि मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा का समय लगभग 5 घंटे कम हो जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे होगा देश का तीसरा सबसे लंबा राजमार्ग
लंबाई के हिसाब से गंगा एक्सप्रेसवे भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। आगामी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा राजमार्ग है, जिसकी लंबाई 1,350 किलोमीटर से अधिक है। दूसरा सबसे लंबा मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे है, जो 700 किलोमीटर से थोड़ा अधिक है। वर्तमान में भारत के टॉप 10 एक्सप्रेसवे में से चार उत्तर प्रदेश में हैं और लिस्ट में गंगा एक्सप्रेसवे को पांचवा स्थान मिलने वाला है।
जुड़ेंगे 12 जिले और 518 गांव
गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा।यह मेरठ-बुलंदशहर राजमार्ग पर बिजौली गांव से शुरू होगा और प्रयागराज में एनएच 19 पर जूदापुर दादू गांव के पास समाप्त होगा। एक्सप्रेसवे इस पर उतरने वाले बड़े विमानों को भी संभालने में सक्षम होगा।