भूमि की चौहद्दी गलत दर्शाकर करा लिया बैनामा, शिकायत के किया वापस
पीड़ितों ने मुख्यमंत्री सहित राजस्व विभाग के आलाअधिकारियों को भेजा पत्र
हैदरगढ़ बाराबंकी। त्रिवेदीगंज क्षेत्र के गनहरी गांव में भूमाफियाओं ने खतौनी में दर्ज रकबे से ज्यादा आवासीय भूमि को खेतिहर दिखाकर बैनामा करा लिया। सह खातेदारों की शिकायत पर विपक्षी जितनी भूमि ज्यादा लिखाई उसे बतौर बैनामा भूस्वामी को वापस कर दिया। शिकायतकर्ताओं ने भूमि खरीद फरोख्त में खेल व गलत चौहद्दी दर्शाकर बंजर जमीन हथियाने के साथ स्टांप चोरी का आरोप लगाते हुए राजस्व के आलाधिकारियों के आलवा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग किया है।
जानकारी के अनुसार बड़वल चौराहे से नगराम जाने वाली सड़क के किनारे गनहरी गांव निवासी हरिभजन पुत्र पंचम की जमीन गाटा संख्या 51 मि. में से 0.136 हे. जो लगभग 11 विस्वा जमीन है। हरिभजन ने आवासीय प्लाट काट कर 2015 में गनहरी गांव निवासी मेराज पुत्र हुसेन को 2090 वर्ग फीट का बतौर बैनामा कर दिया। जिसके बाद से वह वही घर बनाकर रहने लगे। दूसरे प्लाट का बैनामा अखैयापुर गांव निवासी किरन साहू पत्नी राम विलास ने 1071 वर्ग फीट का बैनामा करवाकर माकान बना लिया। तीसरा प्लाट अकरहादु थाना नगराम जनपद लखनऊ निवासी सत्यनरायन पुत्र श्याम लाल ने ले लिया और माकान बनाकर रहने लगे। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि विक्रेता हरिभजन के 0.136 हे. में से सिर्फ 0.092 हें. जमीन शेष बची थी। जिसके बाद भूस्वामी हरिभजन ने 06 फरवरी 2024 को 0.092 का बैनामा करने की बजाए 0.118 हे. भूमि का बैनामा राम नरेश पुत्र सत्य नरायन निवासी गढ़ा नगराम जनपद लखनऊ के हाथ चौहद्दी गलत दर्शाकर बेच दिया। जब उक्त मामले की जानकारी सत्यनाम, सहनाज व किरन को हुई तो इसकी लिखित शिकायत राजस्व और पुलिस अधिकारियों से कर डाला। शिकायत के बाद विपक्षी रामनेरश ने दो विस्वा जमीन पुनः बतौर बैनामा कर भूस्वामी हरिभजन को वापस कर दिया। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि आवासीय प्लाट के पीछे लगभग दो विश्वा जमीन बंजर है। इस भूमि को नंबर एक में दिखाने के लिए हरिभजन ने भूमाफियाओं और राजस्व विभाग से सांठ-गांठ कर इस खेल को अंजाम दिया है। चौहद्दी गलत दर्शाकर हम लोगो का प्लाट बंजर में दर्शा दिया और जो बंजर है उसे नंबर एक कर दिया। शिकायत कर्ताओं ने यह भी बताया कि हलका लेखपाल और उपनिबंधक अधिकारी भी आए लेकिन सब लीपा पोती कर वापस चले गए। यदि हम सबको न्याय नही मिला तो मजबूरन हम सब न्यायालय की शरण में जाएगे। उक्त मामले को लेकर हलका लेखपाल से बात किया गया तो उनका कहना था कि अदालती मामले में मेरा कोई हस्तक्षेप नही है। उपनिबंधक कार्यालय को रिर्पोट सौंप दी गई है। वही तहसील उपनिबंधक अधिकारी से बात किया गया तो वह गोलमाल जबाव देते हुए उलटा पत्रकारो को नसीहत दे डाली, कहा इस मामले में अखबार से क्या मतलब।