इस लोकसभा सीट से छह बार विजेता रही कांग्रेस

जौनपुर। जौनपुर लोकसभा सीट पर अब तक हुए लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक छह बार जीत कांग्रेस के नाम दर्ज है। हालांकि शुरुआती एक दशक के बाद 1962 में ही जनसंघ के ब्रह्मजीत सिंह ने जीत हासिल कर सबसे पहले यहां कांग्रेस का विजय रथ रोका था।

1952 से हुए चुनाव में छह बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, तो दो-दो बार सपा बसपा ने अपना परचम लहराया है। वहीं राजदेव सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर तीन बार लगातार जीत दर्ज कर हैट्रिक बनाई थी उनका यह रिकार्ड कोई नहीं तोड़ सका है।

आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस के प्रत्याशी बनें सांसद

जौनपुर लोकसभा सीट से पहली बार 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बीरबल सिंह ने सांसद होने का गौरव हासिल किया था। 1957 में भी उन्हें ही सांसद होने का सम्मान हासिल हुआ। तीसरे लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनसंघ से ब्रह्मजीत सिंह 1962 में पहली बार चुनाव जीते।

टिकट पर राजदेव सिंह उपचुनाव जीते। इसके बाद 1967 व 1971 में लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। यही इकलौते ऐसे सांसद रहे जिन्होंने तीन बार लगातार जीत का परचम लहराया। इनका यह रिकार्ड कायम है। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी से राजा यादवेंद्र दत्त दुबे चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1980 के चुनाव में भारतीय लोकदल से डा. एयू आजमी विजयी हुए थे।

1984 में कांग्रेस की सीट जीतकर खोई प्रतिष्ठा वापस पाई

1984 के चुनाव में कमला प्रसाद सिंह कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करते हुए पार्टी की खोई प्रतिष्ठा पुनः स्थापित करने में सफल रहे। इस सीट पर कांग्रेस की यह छठवीं बार जीत रही। इस गौरव को आज तक कोई दल नहीं हासिल कर सका है। हालांकि इसके बाद लंबा अर्सा बीत जाने के बावजूद कांग्रेस को यहां से जीत नसीब नहीं हो सकी है।

1989 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से राजा यादवेंद्र दत्त दुबे ने जीत दर्ज की। 1991 में जनता दल के प्रत्याशी अर्जुन सिंह यादव चुनाव जीत गए। 1996 में राजकेशर सिंह ने यहां चुनाव जीत कर पुनः भाजपा की झोली में यह सीट डाल दिया।

1998 में पारसनाथ ने सीट जीत सपा के झोली में डाली

1998 में पारसनाथ यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार जीत हासिल करते हुए यह सीट सपा की झोली में पहली बार डालने में सफल रहे। 1999 में जौनपुर सीट से भाजपा के टिकट पर स्वामी चिन्मयानंद चुनाव जीते और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बने।

हालांकि 2004 में सपा प्रत्याशी पारसनाथ यादव ने पुनः जीत दर्ज की। बसपा के टिकट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने जीत दर्ज कर यहां बसपा का खाता खोला। 2014 के मोदी लहर में भाजपा के टिकट पर डा. कृष्ण प्रताप सिंह ने जीत हासिल की। 2019 के हुए लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

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