धनुष भंग होते ही भगवान श्रीराम की हुईं माता सीता

सूरतगंज बाराबंकी। ब्लॉक क्षेत्र सूरतगंज के जफरपुर गांव में पौराणिक नाग बाबा के स्थान पर दशकों से होने वाली पांच दिवसीय श्रीरामलीला का आयोजन इस बार भी 26 जनवरी से किया गया था।
रामलीला के पांचवे दिन राधेकृष्ण नाट्य कला परिषद जनकपुर धाम दरभंगा बिहार के कलाकारों द्वारा श्री शिव धनुष पूजन, सीता स्वयंवर और परशुराम लक्ष्मण संवाद का जीवंत मंचन किया गया। धनुष यज्ञ में मिथिला नरेश महाराज जनक ने सिया स्वयंवर के लिए विश्व के तमाम बड़े-बड़े बलवान राजाओं को आमंत्रित किया परंतु धनुष को उठाना तो दूर उसे कोई हिला तक नहीं सका। जिससे मिथिला नरेश उदास हो गए। महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा लेकर भगवान श्री राम ने बहुत सहज ही शिव धनुष उठा लिया और प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष भंग हो गया। धनुष भंग होते ही सिया राम जानकी पर देवताओं ने पुष्प वर्षा शुरू कर दी। सियाराम के जयघोष से नाग देवता मन्दिर परिसर गुंजायमान हो उठा। धनुष टूटते ही महेंद्र पर्वत पर तपस्या कर रहे भगवान शिव के अनन्य भक्त भगवान परशुराम की तपस्या भंग हो गई। आगबाबूला भगवान परशुराम मिथिला पहुंचे जिसके उपरांत परशुराम और लक्ष्मण संवाद हुआ भगवान परशुराम को क्रोधित देख श्री राम ने उनके सामने अपना सर झुकाते हुए प्रणाम किया। शांत हुए भगवान परशुराम ने सियाराम को आशीर्वाद देकर तपस्या के लिए रवाना हो गए। रामलीला के साथ-साथ बच्चों ने तरह-तरह के झूलों का आनंद लिया और खूब खिलौनो की खरीदारी की। मेले में प्रसाद स्वरूप मिठाई से लेकर खाने-पीने के अनेकों प्रकार के स्टॉल लगे रहे। इस दौरान मेला कमेटी अध्यक्ष परवनलाल वर्मा, गन्ना समिति डायरेक्टर शिवकुमार सिंह,समाज सेविका करुणा सिंह राठौर, सूरतगंज ब्लॉक शिक्षा समिति अध्यक्ष इशांत सिंह राठौर छोटू,ग्राम प्रधान आशाराम,राहुल सिंह,सुशील सिंह भदौरिया, अंकित सिंह राठौर,शिवकुमार वर्मा,सुनील सिंह भदौरिया, अनिरुद्ध,मोहम्मद अलीम,सविता, रागिनी,शुभी,निहारिका,वंदना, पूनम,यशवंत,अर्जुन सहित सैकडों हिंदू-मुस्लिम दोनो धर्मों के बच्चे महिला पुरुष मौजूद रहे।

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