भाजपा में फिर लौटे सिद्धार्थ, नहीं समझ आई सपा की विचारधारा

प्रधानमंत्री की योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं: सिद्धार्थ अवस्थी

बाराबंकी। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ते ही जिले का सियासी तापमान बढ़ने लगा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाथ अवस्थी के बेटे सिद्धार्थ अवस्थी की एक बार फिर भाजपा में वापसी हो गई। वह बीते विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का दामन छोड़ साइकिल पर सवार हो गए थे। लेकिन सोमवार को केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे एवं नोएडा से विधायक पंकज सिंह ने सिद्धार्थ अवस्थी को भारतीय जनता पार्टी में वापसी करा दी है। पार्टी में वापसी के बाद सिद्धार्थ अवस्थी ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि मैं सपा में किसी आवेश में आकर नहीं शामिल हुआ था। यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय था। मुझे समाजवादी विचारधारा समझ नहीं आई। मैं सपा ज्वाइनिंग के पहले दिन ही जब कुर्सी विधानसभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मंच पर गया तभी समझ आया कि मेरा निर्णय गलत था। मैं दो वर्षों तक पश्चाताप करता रहा। इन दो वर्षों में मैं सपा के किसी कार्यक्रम, बैठक या सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ। हैदरगढ़ के गौरव रहे राजनाथ सिंह के बेटे एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पंकज सिंह ने मुझे पुनः भाजपा में शामिल किया। श्री अवस्थी ने कहा कि राजनाथ सिंह ने बाराबंकी को बहुत कुछ दिया। उन्होंने जिले की पांचों विधानसभाओं में हैदरगढ़ को विकसित विधानसभा बनाया। अगर बाराबंकी का कोई दूसरा मुख्यालय बन सकता है तो वह हैदरगढ़ है। जहां अगर किसानों के लिए शुगर मिल है तो वहीं अच्छी शिक्षा का केन्द्र नवोदय विद्यालय है। श्री अवस्थी ने कहा कि भाजपा कभी अपनी उपलब्धियां गिनाती नहीं है। भारतीय जनता पार्टी का चुनाव सिर्फ एक प्रत्याशी नहीं लड़ता बल्कि हर एक कार्यकर्ता लड़ता है। यह चुनाव राष्ट्र का चुनाव है। राष्ट्र यदि कोई संभाल सकता है तो वह सिर्फ नरेन्द्र मादी। विरोधियों के पास दूसरा कोई नाम ही नहीं है। श्री अवस्थी ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत सुलभ महिला है। भारतीय जनता पार्टी के नाम में ही जनता शब्द जुड़ा हुआ है। ऐसे में भाजपा को कोई हरा नहीं पाएगा। नरेन्द्र मोदी के द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने अल्पसंख्यकों के बारे में कहा कि मुसलमान देश का उतना ही हितैषी है जितना की हिन्दू। हमने कभी भी कोई भेदभाव नहीं किया और न आगे करेंगे।

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